विश्व
टूट सकता है FATF की ग्रे लिस्ट से निकलने का सपना, 11 में 10 मानकों पर शर्मनाक प्रदर्शन
Rounak Dey
14 Sep 2022 5:08 AM GMT

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पाकिस्तान एफएटीएफ की निगरानी वाले देशों की 'ग्रे सूची' में बरकरार रहेगा।
इस्लामाबाद : पाकिस्तान इस वक्त कई मुश्किलों का सामना एक साथ कर रहा है। एक ओर आर्थिक संकट और ऐतिहासिक महंगाई है तो दूसरी ओर भयानक बाढ़ है। इस बीच पड़ोसी मुल्क के लिए एक और बुरी खबर आ रही है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के एशिया-प्रशांत समूह ने धनशोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने से संबंधित 11 में से 10 अंतरराष्ट्रीय मानकों पर पाकिस्तान की प्रभावशीलता को 'निम्न' स्तर का आंका है। मंगलवार को मीडिया में आई एक खबर में यह जानकारी दी गई है। एफएटीएफ आतंकवाद के वित्तपोषण और धनशोधन मामले में एक वैश्विक प्रहरी संस्था है।
'द डॉन' की खबर के अनुसार, एफएटीएफ के सिडनी स्थित क्षेत्रीय सहयोगी एशिया प्रशांत समूह (एपीजी) ने अपने क्षेत्रीय सदस्यों की रेटिंग पर दो सितंबर तक एक अपडेट जारी किया था, जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान ने 11 लक्ष्यों में से केवल एक में 'मध्यम स्तर की प्रभावशीलता' दिखाई है। समूह के मुताबिक, पाकिस्तान ने पर्याप्त सूचना देने, वित्तीय जानकारी तथा सबूत प्रदान करने और अपराधियों व उनकी संपत्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने में अंतरराष्ट्रीय सहयोग प्रदान किया है।
'ग्रे' लिस्ट से निकलने का सपना टूटेगा?
एफएटीएफ और एपीजी के 15 सदस्यीय संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने 29 अगस्त से दो सितंबर के बीच यह पता लगाने के लिए पाकिस्तान का दौरा किया कि उसने जून 2018 में एफएटीएफ के साथ उच्च स्तर पर तैयार की गई 34 सूत्रीय कार्य योजना पर कितना अमल किया है। टास्क फोर्स ने इस साल फरवरी में पाया था कि पाकिस्तान ने सभी 34 बिंदुओं पर काफी हद तक अमल किया है। टास्क फोर्स ने पाकिस्तान को औपचारिक रूप से 'ग्रे' सूची से बाहर निकलने से पहले देश का दौरा करने का फैसला किया था।
10 अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत पाकिस्तान की प्रभावशीलता निम्न
एफएटीएफ-एपीजी मूल्यांकन तंत्र के तहत यह रेटिंग दर्शाती है कि किसी देश की कार्रवाई किस हद तक प्रभावी रही है। एपीजी ने कहा कि धनशोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने के 10 अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत पाकिस्तान की प्रभावशीलता निम्न स्तर की रही है। जून में वैश्विक धन शोधन और आतंक वित्त पोषण की निगरानी करने वाली संस्था ने एक बयान में स्पष्ट कर दिया था कि पाकिस्तान एफएटीएफ की निगरानी वाले देशों की 'ग्रे सूची' में बरकरार रहेगा।
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