अफगानिस्तान में तालिबान ने दावा किया है कि वह हथियारों का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए नहीं करेगा लेकिन इसके विपरीत वह पाकिस्तान को हथियारों की तस्करी कर रहा है। इनका इस्तेमाल भारत के खिलाफ सीमापार झड़पों में किए जाने का खतरा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान के हथियार डीलर्स तालिबान के लड़ाकों के ये हथियार खरीदकर पाक-अफगानिस्तान सीमा पर खुलेआम दुकानों पर बेच रहे हैं।
कनाडा आधारित थिंकटैंक इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट्स एंड सिक्योरिटी (आईएफएफआरएएस) की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान खुद को बेहतर दिखाने की कोशिश में हथियारों की तस्करी रोकने के लिए उचित सुरक्षा जांच का दावा कर रहा है। लेकिन हथियारों का बाजार फल-फूल रहा है। इस हथियारों की पाकिस्तान में धड़ल्ले से तस्करी की जा रही है।
रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि अंतत: इन हथियारों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ सीमापार से होने वाली झड़पों में किया जा सकता है। दरअसल, 2021 में अफगानिस्तान छोड़ने के बाद अमेरिका के कई सारे हथियार वहीं छूट गए थे। इन्हें काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने अपने नियंत्रण में ले लिया। बाद में हथियार डीलरों ने इन्हें पाकिस्तान पहुंचाना शुरू कर दिया।
पाक के रास्ते ड्रग्स भी सप्लाई जारी
आईएफएफआरएएस की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के रास्ते ही अफगानिस्तान से ड्रग्स भी अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाए जाते हैं। दोनों देशों की करीब 2400 किलोमीटर की सीमा मिलती है, जहां से मादक पदार्थों की तस्करी खैबर पख्तूनख्वा को की जाती है। यहां से इन्हें लाहौर और फैसलाबाद ले जाया जाता है। इसके बाद इनकी बड़ी खेपें ग्वादर और कराची के रास्ते दक्षिण एशिया के बाजार में पहुंचाई जाती हैं।
पाकिस्तान को भी होगा बड़ा नुकसान
हालांकि अफगानिस्तान से हथियारों की खेप पाकिस्तान में बड़ी तेजी से पहुंच रही है जिसका इस्तेमाल अंतत: भारत के खिलाफ होने की आशंका है। लेकिन इसका खामियाजा पाकिस्तान को भी भुगतना पड़ेगा। दरअसल, पाकिस्तान ने अपनी सरजमीं पर आतंकवाद को पनाह दी है और यही आतंकवाद उसके गले की हड्डी भी बना हुआ है। ये हथियार पाक के बुरे आतंकवादियों के हाथ भी लग रहे हैं जिनका इस्तेमाल पाक के खिलाफ होगा।