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हिंदुओं का मानना है कि महाशिवरात्रि का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में शांति और समृद्धि आती है।
नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर के कपाट शुक्रवार से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। शिवरात्रि के आगमन से पहले मंदिर के कपाट खोल दिए गए हैं। यह मंदिर नेपाल की राजधानी काठमांडू में स्थित है। बता दें कि कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर के मद्देनजर 18 जनवरी को मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए थे।
पशुपति क्षेत्र विकास ट्रस्ट द्वारा इस सप्ताह की शुरुआत में जारी बयान के अनुसार, मंदिर को खोलने का निर्णय काठमांडू के जिला प्रशासन कार्यालय के 7 फरवरी के आदेश के बाद आया है। डीएओ ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य मानकों का पालन करके मठों, मंदिरों, मस्जिदों और चर्चों जैसी जगहों पर पूजा, ध्यान या प्रार्थना की जा सकती है। एक भक्त ने कहा, मैं मंदिर आकर बहुत खुश और प्रसन्न हूं। पहले मैं यहां दो बार आया था लेकिन मंदिर बंद था, इस बार मंदिर के अंदर जाने का मौका मिला और इससे मैं खुद को बहुत भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं। मैं मंदिर के अंदर जा सका और मैंने प्रार्थना की।
इससे पहले ओमिक्रोन वायरस का संक्रमण बढ़ने के कारण पशुपतिनाथ मंदिर को 18 जनवरी से दर्शनार्थियों के लिए बंद कर दिया गया था। एक अन्य भक्त ने कहा, मेरा नाम विराट कुमार निगोटिया है, मैं विराटनगर से मंदिर में पूजा करने आया हूं। मैं बहुत उत्साहित और खुश हूं कि मुझे वास्तव में मंदिर के अंदर आने और पूजा करने का मौका मिला, जो मेरे लिए बहुत खुशी की बात है।
शिवरात्रि उत्सव से पहले श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट खोल दिए गए हैं। शिवरात्रि का त्योहार फाल्गुन के महीने में घटते चंद्रमा के चौथे दिन आता है। चंद्र कैलेंडर के अनुसार, इसे फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी के रूप में भी जाना जाता है यह त्योहार भगवान शिव को समर्पित है। इस साल शिवरात्रि एक मार्च को मनाई जाएगी।
नेपाल कैलेंडर निर्धारण समिति के अनुसार, फाल्गुन की कृष्ण चतुर्दशी की मध्यरात्रि में ब्रह्मा ने शिव का रूप धारण किया था इसलिए इस दिन लोग मंदिरों में भगवान शिव की प्रार्थना, पूजा और दर्शन करते हैं। हिंदुओं का मानना है कि महाशिवरात्रि का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में शांति और समृद्धि आती है।
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