रूस ने मंगलवार को नए विधेयक के साथ यूक्रेन के विद्रोही क्षेत्रों पर कब्जा जमाने की तैयारी कर ली, जिससे उसे वहां सैनिकों को तैनात करने की अनुमति मिल जाएगी. वहीं, पश्चिमी देशों ने यूक्रेन पर आक्रमण की आशंका के बीच मॉस्को के खिलाफ प्रतिबंधों की घोषणा की तैयारी कर ली है. रूस ने ये नए विधेयक तब पेश किए, जब एक दिन पहले राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी. जिसके बाद पुतिन का आदेश मिलते ही रूसी सेना यूक्रेन के लुगांस्क और दोनेत्स्क में घुस चुकी है. इतना ही नहीं इन इलाकों में रूसी सेना का सैन्य अड्डा बनाकर लंबे समय तक बने रहने का इरादा है.
यूक्रेन में ऐसे घुसी रूसी सेना
ये विधेयक यूक्रेन में घुसने के बहाने के तौर पर इस्तेमाल हो सकते हैं, जिसकी आशंका अमेरिका और उसके सहयोगियों ने जतायी है. पुतिन के सोमवार देर रात आदेश पर हस्ताक्षर करने के तुरंत बाद अलगावादियों के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में बख्तरबंद वाहनों के काफिले को घूमते देखा गया. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि क्या ये काफिले रूस के हैं. रूसी अधिकारियों ने विद्रोही पूर्वी क्षेत्र में किसी भी सैन्य तैनाती की बात स्वीकार नहीं की है लेकिन दोनेत्स्क में अलगाववादी स्थानीय परिषद के एक सदस्य व्लादिस्लाव ब्रिगेडियर ने पत्रकारों को बताया कि रूसी बलों ने क्षेत्र के उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्रों में चौकियों की कमान संभाल ली है.
दोनबास बर्बाद हो गया..
पुतिन के अलगावादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने का कदम करीब आठ साल लंबे अलगाववादी संघर्ष के बाद आया है, जिसमें 14,000 से अधिक लोग मारे गए और यूक्रेन का पूर्वी औद्योगिक क्षेत्र दोनबास बर्बाद हो गया है. पुतिन ने टेलीविजन पर एक घंटे तक दिए संबोधन में इस कदम की घोषणा करते हुए अमेरिका और उसके सहयोगियों को मौजूदा संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया और यूक्रेन के नाटो में शामिल होने की कोशिश को रूस के लिए अस्तित्व की चुनौती बताया.
कई देशों ने पुतिन के इस कदम की आलोचना की
दुनियाभर के कई देशों ने पुतिन के इस कदम की आलोचना की है. रूस के इन विधेयकों में अलगाववादी क्षेत्रों में रूसी सैन्य अड्डों पर संभावित तैनाती समेत सैन्य संबंधों का प्रावधान है. इन विधेयकों के मंगलवार को रूसी संसद के दोनों सदनों में पारित होने की संभावना है. कई वरिष्ठ सांसदों ने मंगलवार को कहा कि रूस यूक्रेन के दोनेत्स्क और लुहांस्क क्षेत्रों को मान्यता दे सकता है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने देर रात राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि यूक्रेन 'किसी से नहीं डरता है.' यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मंगलवार को वाशिंगटन में मुलाकात करेंगे.
'न्यू बर्लिन वॉल' की तरह..
यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेज्नीकोव ने ट्वीट किया, 'क्रेमलिन ने यूक्रेन के खिलाफ अपनी आक्रामकता को मान्यता दी है.' उन्होंने मॉस्को के कदम को 'न्यू बर्लिन वॉल' की तरह बताया और पश्चिमी देशों से रूस पर फौरन प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया. व्हाइट हाउस ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे अमेरिकी लोगों द्वारा यूक्रेन के तथाकथित 'दोनेत्स्क और लुहांस्क गणराज्यों' वाले क्षेत्रों में सभी नए निवेश, व्यापार और वित्त पोषण पर रोक लग जाएगी.
पश्चिमी देश रूस पर लगा सकते हैं प्रतिबंध
अन्य पश्चिमी देशों ने भी कहा कि वे प्रतिबंधों की घोषणा करने की योजना बना रहे हैं. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने मंगलवार को कहा कि उनका देश रूस के खिलाफ 'तत्काल' आर्थिक प्रतिबंध लगाएगा और आगाह किया कि पुतिन 'यूक्रेन पर पूरी तरह हमला करने' पर आमादा हैं, जो 'पूरी तरह विध्वंसकारी होगा.' यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा, 'रूसी सैनिक दोनबास में घुस गए हैं.'
चीन भी रूस का समर्थन करने से कतरा रहा
पोलैंड के रक्षा मंत्री मारियूश ब्लास्जाक ने मंगलवार को एक रेडियो साक्षात्कार में कहा कि वह यह बता सकते हैं कि रूसी सैनिक क्षेत्रों में घुस गए हैं और उन्होंने इसे यूक्रेन की सीमाओं और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने मंगलवार को कहा कि चीन 'सभी पक्षों के साथ भागीदारी बनाए रखेगा', यह दिखाता है कि चीन, मॉस्को और बीजिंग के बीच घनिष्ठ संबंधों के बावजूद रूस का समर्थन करने से कतरा रहा है.