रूस (Russia) को क्रीमिया(Crimea) से जोड़ने वाला क्रीमिया ब्रिज (Crimea Bridge) बीते शनिवार को हुए एक विस्फोट में तबाह हो चुका है। इस पुल के टूटने के बाद से रूस और क्रीमिया के बीच जमीनी संपर्क लगभग खत्म हो चुका है। तथा यूक्रेन में युद्ध लड़ रहे रूसी सैनिकों को गोला-बारूद और रसद पहुंचाने का एक प्रमुख मार्ग भी बंद हो गया है। इस ब्रिज को रूसी ताकत का प्रतीक माना जाता था। अरबों की लागत वाले इस पुल को रूस की शान के रूप में देखा जाता था। यूं ही नहीं इस पुल के टूटने से रूसी राष्ट्रपति इतने नाराज हो गए कि उन्होंने इसे एक आंतकी कृत्य करार दिया।
क्रीमियन ब्रिज वास्तव में दो पुल हैं- एक सड़क के लिए और दूसरा रेल के लिए है। सड़क ब्रिज के अपने आप में दो स्वतंत्र पुल संरचनाएं हैं, जबकि रेल पुल एक एकल पुल संरचना है, जिसपर दो गिट्टी वाली रेल पटरियां हैं। जानकारी के मुताबिक इस पुल पर ऐसे हमला किया गया कि इसके दोनों हिस्सों को नुकसान पहुंचे। सबसे पहले ब्रिज पर एक ट्रक बम से हमला हुआ जिसके कारण ब्रिज का एक हिस्सा ढह गया। ठीक इसी दौरान दूसरे हिस्से में ईंधन ले जा रहे रेलवे के सात डिब्बों में भी आग लग गई। इस हमले के कारण पुल के दो खंड आंशिक रूप से धराशायी हो गए। रूस के ऊर्जा मंत्रालय ने कहा कि क्रीमिया के पास 15 दिनों के लिए पर्याप्त ईंधन है।
लगभग तीन सालों बाद 2019 में 19 किलोमीटर लंबा यह पुल बनकर तैयार हुआ। शानदार इंजीनियरिंग का नमूना रहा यह पुल ब्लैक सी और अजोव सी को जोड़ता है। इस पुल को बनाने में रूस को 3.7 बिलियन डॉलर खर्च हुए थे। क्रीमिया को ईंधन, भोजन और कई अन्य महत्वपूर्ण चीजों की सप्लाई के लिए ये पुल महत्वपूर्ण है। इस पुल के सैन्य महत्व का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि यूक्रेन पर हमले के बाद रूस इसी पुल की मदद से अपने सैन्य बलों को खारेसॉन और जेपोरीजिया भेजने में सफल हुआ और वहां कब्जा करने में सफल हो पाया।
2017 में एक ऑनलाइन सर्वे के बाद इस पुल का नाम क्रीमियन ब्रिज रखा गया, जबकि केर्च ब्रिज और रीयूनिफिकेशन ब्रिज क्रमशः दूसरे और तीसरे सबसे लोकप्रिय विकल्प थे। साल 2018 में पहली बार यह ब्रिज दुनिया की नजरों में आया। पुतिन ने स्वयं ट्रक चलाकर बड़े जोश से इस ब्रिज का उद्घाटन किया। साल 2019 में यह पुल पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया। अब इस पुल पर हमले से रूस की छवि को काफी नुकसान पहुंचा है। इस पुल हादसे के बाद इसपर भारी वाहनों का प्रवेश रोक दिया गया है। रोडवे के जिस सेक्शन में ब्लास्ट नहीं हुआ है वहां से कारों को गुजरने की इजाजत है।
2017 में एक ऑनलाइन सर्वे के बाद इस पुल का नाम क्रीमियन ब्रिज रखा गया, जबकि केर्च ब्रिज और रीयूनिफिकेशन ब्रिज क्रमशः दूसरे और तीसरे सबसे लोकप्रिय विकल्प थे। साल 2018 में पहली बार यह ब्रिज दुनिया की नजरों में आया। पुतिन ने स्वयं ट्रक चलाकर बड़े जोश से इस ब्रिज का उद्घाटन किया। साल 2019 में यह पुल पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया। अब इस पुल पर हमले से रूस की छवि को काफी नुकसान पहुंचा है। इस पुल हादसे के बाद इसपर भारी वाहनों का प्रवेश रोक दिया गया है। रोडवे के जिस सेक्शन में ब्लास्ट नहीं हुआ है वहां से कारों को गुजरने की इजाजत है।