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1989 में हुआ था दंपती का मर्डर, 30 साल बाद सॉल्‍व हुई मर्डर मिस्‍ट्री

Rounak Dey
17 Oct 2022 1:45 AM GMT
1989 में हुआ था दंपती का मर्डर, 30 साल बाद सॉल्‍व हुई मर्डर मिस्‍ट्री
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टेस्ट के लिए नहीं भेजा. बाद में नए इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर ने इसे टेस्ट के लिए भिजवाया तो अब खुलासा हुआ.
क्राइम के आपने कई दिलचस्प और सस्पेंस वाले केस देखे होंगे. इनमें पुलिस के लिए कातिल तक पहुंचना काफी मुश्किल होता है, लेकिन पुलिस कोई न कोई सबूत निकालकर कातिल तक पहुंच जाती है. कई बार यह इंतजार बड़ा लंबा हो जाता है और कातिल पुलिस की गिरफ्त से दूर रहता है. ऐसा ही एक केस अमेरिका में सामने आया है. यहां पुलिस ने तीन दशक पहले हुए एक डबल मर्डर का खुलासा किया है. दिलचस्प बात ये है कि यह खुलासा एक बूंद खून के जरिये हुआ है. सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका के वरमोंट राज्य में पुलिस ने तीन दशक पुरानी हत्या को ब्लड के एक बूंद से सॉल्व किया.
1989 में हुआ था दंपती का मर्डर
वर्मोंट स्टेट पुलिस के अनुसार, सितंबर 1989 में डैनबी स्थित एक में जॉर्ज (76 वर्ष) पीकॉक, और कैथरीन पीकॉक (73 वर्ष) अपने घर में मृत मिले थे. इस दंपति की चाकू मारकर हत्या की गई थी. पुलिस जब सूचना के बाद मौके पर पहुंची तो वहां उसे किसी के जबरन घर में घुसने के कोई सबूत भी नहीं मिले थे. पुलिस इस केस में सबूत की तलाश करती रही, लेकिन उसे कुछ भी ऐसा नहीं मिला जिससे वह अपराधी तक पहुंच सके. लेकिन पुलिस को करीब 30 साल बाद एक ऐसा सबूत मिला जिसने अपराधी को जेल पहुंचा दिया. वर्मोंट स्टेट पुलिस के मुताबिक, इस मर्डर केस में 79 वर्षीय एंथनी लुईस को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार किया है. लुईस को न्यूयॉर्क में वरमोंट के प्रत्यर्पण की कार्यवाही के लिए जेल में डाल दिया गया है.
ऐसे पुलिस को मिली कामयाबी
दरअसल, दंपती के मर्डर के वक्त लुईस की शादी दंपति की बेटी से हुई थी. पुलिस के अनुसार दंपती के मर्डर के 2 हफ्ते बाद ही लुईस के ससुराल वालों ने उस पर शक जताते हुए उसे संदिग्ध के रूप में नामित किया था. उस समय केस के जांचकर्ताओं ने लुईस के खिलाफ सबूत काफी तलाशे लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली. सयम के साथ जांच की फाइल दबती गई. अचानक एक नए ऑफिसर की दिलचस्पी इस केस में हुई और वह इसमें जुट गया. मई 2020 में फोरेंसिक टीम ने एक रिपोर्ट से चौंकाने वाला खुलासा किया. टीम ने बताया कि अक्टूबर 1989 में लुईस की कार के अंदर जो खून के 1 बूंद के धब्बे थे वह जॉर्ज पीकॉक के थे. दोनों का डीएनए मैच कर गया था. दरअसल पुलिस को मर्डर के 1 महीने बाद जॉर्ज की कार के अंदर से 1 बूंद खून मिला तो था, लेकिन उसे किसी ने गंभीरता से नहीं लिया और जमा करने के बाद भी लैब में टेस्ट के लिए नहीं भेजा. बाद में नए इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर ने इसे टेस्ट के लिए भिजवाया तो अब खुलासा हुआ.

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