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दुनिया का वो देश जहां होता है हर 6 महीने में राष्ट्राध्यक्ष का चुनाव, 778 सालों से चुने जा रहे दो शीर्ष नेता

Gulabi
19 Jun 2021 4:17 PM GMT
दुनिया का वो देश जहां होता है हर 6 महीने में राष्ट्राध्यक्ष का चुनाव, 778 सालों से चुने जा रहे दो शीर्ष नेता
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भारत में प्रधानमंत्री (Prime Minister) और राष्ट्रपति (President) के कार्यकाल की अवधि पांच वर्ष होती है

भारत में प्रधानमंत्री (Prime Minister) और राष्ट्रपति (President) के कार्यकाल की अवधि पांच वर्ष होती है. वहीं अमेरिका में राष्ट्रपति चार साल के लिए बनते हैं लेकिन एक देश ऐसा भी है जहां राष्ट्राध्यक्ष का चुनाव हर 6 महीने में होता है. यूरोप (Europe) के सैन मरीनो (San Marino) में हर छह महीने में चुनाव होता है जिसमें दो राष्टाध्यक्ष चुने जाते हैं, जिन्हें 'कैप्टन-रिजेंट' कहा जाता है. कैप्टन रिजेंट के चुनाव में ग्रेट और जनरल काउंसिल के सदस्य वोट डालते हैं, जिनकी संख्या 60 है.


बता दें कि सैन मरीनो दुनिया के कुछ सबसे पुराने लोकतांत्रिक देशों में से एक है. इसकी आबादी 34 हजार है. पहली बार सैन मरीनो में कैप्टन रिजेंट का चुनाव 1243 में हुआ था, जिसके बाद से करीब 778 सालों से देश में राष्ट्राध्यक्ष के चुनाव हो रहे हैं. सैन मरीनो की संसद को अरेंगो कहा जाता है. यहां का संविधान 1600 में लागू हुआ था, जिसमें मौजूदा चुनावी प्रक्रिया अपनाई गई थी. छह महीने में होने वाले चुनाव में आमतौर पर विपक्षी नेता को देश के शीर्ष नेता के रूप में चुना जाता है.

दुनिया के सबसे छोटे देशों में शामिल
अरेंगो के 60 सदस्यों का चुनाव सीधे जनता करती है, जो हर पांच साल में होता है. पहले कैप्टन रिजेंट के चुनाव के समय संसद सदस्यों का चुनाव देश के हर परिवार के मुखिया करते थे. बता दें कि सैन मरीनो दुनिया के सबसे छोटे देशों में से एक है. इसका क्षेत्रफल 61 वर्ग किमी है. यह इटली का पड़ोसी देश है और इसकी बड़ी सीमा इटली के साथ मिलती है. यही कारण है कि सैन मरीनो में इतालवी भाषा ही बोली जाती है.

द्वितीय विश्व युद्ध में दी लाखों की शरण
साल 1463 में कई शहर सैन मरीनो में शामिल हुए थे. इसमें फियोरेंटीनो, मोंटेगार्डिनो और सेरावेल्ले शहरों का नाम आता है. 1464 में फाइटानो शहर सैन मरीनो में शामिल हुआ था. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इस देश ने अहम भूमिका निभाई थी और इटली के लाखों लोगों को शरण दी थी. 2009 तक इस देश को 'ट्र्रैक्स हेवन कंट्री' के रूप में जाना जाता था यानी जहां टैक्स दूसरे देशों की तुलना में बेहद कम लगता है या नहीं लगता है.
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