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चीन के साथ आर्थिक संबंधों के चलते वो इस पर मुखरता से नहीं बोलता.
चीन (China) और तुर्की (Turkey) के बीच उइगर मुसलमानों (Uighur Muslims) का मुद्दा लगातार गर्माता जा रहा है. बीते दिनों चीन ने सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर (Twitter) से कहा था कि वो तुर्की के उन दो नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करे जिन्होंने उइगर मुस्लिमों के साथ बर्ताव को लेकर चीन की आलोचना की थी. अब खबर आ रही है कि तुर्की ने चीन के राजदूत (Chinese Ambassador) को तलब किया है.
तुर्की के विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी. एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को चीन के राजदूत को बुलाया गया था. हालांकि इस दौरान अधिकारियों और चीनी राजदूत के बीच क्या बात हुई इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है. चीन ने टैग करते हुए तुर्की के नेताओं पर निशाना साधा था और अपना बचाव किया था.
एक ट्वीट के बाद शुरू हुआ बवाल
Çin tarafı, herhangi bir kişi veya gücün Çin'in egemenliğine ve toprak bütünlüğüne herhangi bir şekilde meydan okumasına kararlılıkla karşı çıkmakta ve bunu şiddetle kınamaktadır. Çin tarafı, haklı karşılık verme hakkını saklı tutmaktadır.@meral_aksener @mansuryavas06
— Çin Büyükelçiliği Ankara/中国驻土耳其使馆 (@ChinaEmbTurkey) April 6, 2021
चीनी दूतावास ने मुख्य विपक्षी 'गुड पार्टी' के प्रमुख मेरल अक्सनर और तुर्की की राजधानी अंकारा के मेयर मंसूर यूवास को टैग करते हुए ट्वीट किया था. उइगर मुस्लिमों के लिए अपनी नीतियों का बचाव करते हुए दूतावास ने ट्वीट में लिखा कि चीन एक न्यायसंगत प्रतिक्रिया का अधिकार रखता है. इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर हड़कंप मच गया था क्योंकि इसे चीन की ओर से चेतावनी के रूप में देखा जा रहा था.
दरअसल दोनों तुर्की नेताओं ने एक पोस्ट की थी जिसमें 1990 के विद्रोह के दौरान चीन में मारे गए उइगर मुस्लिमों का जिक्र था. इसके जवाब में ही चीन ने ट्वीट करते हुए अपने पक्ष का बचाव किया है. चीन ने कहा कि उसकी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देने वाली सत्ता या व्यक्ति की वो कड़ी निंदा करता है.
उइगर मुसलमानों का हमदर्द तुर्की
तुर्की पहले भी चीन में उइगर मुसलमानों की स्थिति पर चिंता जाहिर कर चुका है. पिछले साल तुर्की ने कहा कि वो चीन के शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकारों के हनन के मामले को लेकर चिंतित है. तुर्की चाहता है कि चीन उइगर मुसलमानों को भी दूसरे नागरिकों की तरह अधिकार दे.
बता दें कि चीन के शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर दरअसल मूल रूप से तुर्की के रहने वाले हैं. यही कारण है कि तुर्की को उइगर मुस्लिमों के साथ सहानुभूति है लेकिन चीन के साथ आर्थिक संबंधों के चलते वो इस पर मुखरता से नहीं बोलता.
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