ऐसा करने में नाकाम रही कंपनी, महिला कर्मचारी को दिए 22 लाख रुपये
एक महिला कर्मचारी को ऑफिस से इसलिए निकाल दिया गया क्योंकि उन्होंने एक नई कुर्सी की मांग कर दी थी. जिस ऑफिस से महिला को निकाला गया वहां उन्होंने अपनी 18 साल तक सेवा दी. इस मामले में इस महिला को 22 लाख रुपए का हर्जाना मिला है. इस मामले की सुनवाई एक इम्प्लॉयमेंट ट्रिब्यूनल में हुई. 'मिरर' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस महिला का नाम लिंडा वॉकर है. वह कूल्हे की समस्या (Hip Problem) से तीन साल तक ग्रस्त रहीं. कूल्हे के इलाज के लिए उन्होंने तीन साल तक इंतजार किया. वहीं, इस समस्या की वजह से उनको 4 महीनों तक अपना काम भी छोड़ना पड़ा.
क् या हुआ सुनवाई में?
ट्रिब्यूनल में सुनवाई के दौरान लिंडा ने कहा,' मैंने एक नई कुर्सी के लिए कहा था, क्योंकि जिस कुर्सी का मैं उपयोग कर रही थीं. उसने दर्द को और बढ़ा दिया था. मैंने अपनी कुर्सी के हत्थे हटाने के लिए कहा,लेकिन इंजीनियर क्रिस्टोफर होइ ने इस काम को करने में अनिच्छा प्रकट की, क्योंकि उन्हें कुर्सी के पेंच खोलने पड़ते, ऐसे में कुर्सी खराब लगती'.
जिस कंपनी में महिला काम करती थीं, वह ब्रिटेन के Tyne and Wear मेट्रोपॉलिटन काउंटी में मौजूद है. कंपनी का नाम Modular Office & Storage Systems Limited है. ये कंपनी महिला को एक कुर्सी दिलवाने में असमर्थ दिखी. सुनवाई में लिंडा ने आगे बताया कि इसके बाद एक मीटिंग में अपने बॉसेस को कुर्सी की समस्या से जुड़ी बात बताईं. उन्होंने कहा कि कुर्सी के कारण उन्हें बैठने में काफी दिक्कत आती है. लिंडा ने अपने बॉसेस को एक नई कुर्सी लाने की सलाह दी.
फिर मिला एक लेटर
पैनल को महिला ने बताया, उन्हें ऑफिस से एक लेटर मिला. जिसमें कहा गया कि वह एक मीटिंग में अनुपस्थिति रही थीं. जिसे कंपनी वहन नहीं कर सकती. ऐसे में वह अपनी नौकरी जारी नहीं रख सकती हैं. कंपनी ने तर्क दिया कि लिंडा का लंबे अर्से से स्वास्थ्य खराब था. ऐसे में उन्हें कंपनी ने निकाल दिया.
2001 में शुरू की नौकरी
महिला ने ये कंपनी जनवरी 2001 में ज्वाइन की थी. जहां वह शुरुआत में ऑफिस मैनेजर थी. पर वह मई 2018 में Hip bursitis के कारण एक सप्ताह के लिए बीमार पड़ गई. अक्टूबर में फिर से उनके कूल्हे में दर्द हुआ. जिसके बाद वह करीब 5 महीनों तक छुट्टी पर चली गईं, इन छुट्टियों की बाकायदा उनको मंजूरी मिली हुई थी. सुनवाई में ये भी सामने आया कि दिसंबर 2018 में उनकी एक रिपोर्ट आई, जिसमें कहा गया कि उनका कूल्हे में ये दर्द तीन साल तक रहेगा और इसकी दवाई चलेगी. इस दौरान उन्होंने बेहतर कुर्सी और मेज की रीपोजीशन की सलाह दी.
वॉकर ऑफिस ज्वाइन करने के लिए फिट थीं, लेकिन जो सलाह वह पहले दे चुकी थीं. उस बारे में उनके बॉसेस ने नहीं सुना. वह उनके बॉस को उनको रिटायर करने का मौका मिल गया था. कंपनी ने दावा किया कि फरवरी 2019 में नौकरी से निकाल दी गईं, क्योंकि वह लंबे अर्से तक बीमार थी, कुछ बदलाव भी किए गए फिर भी वह काम पर नहीं लौट सकीं. वहीं ट्रिब्यूनल में महिला ने दावा किया कि उन्हें Sunderland Royal Hospital से एक इंजेक्शन लेना था, ताकि वह काम पर लौट सकें. चूंकि उन्हें 23 मार्च 2019 को फिट होकर काम पर लौटने की डेट तय की गई थी, वह 18 मार्च को उनकी नौकरी खत्म कर दी गई थी.
बॉस ने बचाव में क्या कहा?
वहीं कंपनी के बॉस मिस्टर रिमिंगटन ने कहा, ' ये समझना चाहिए कि हम कितने व्यस्त थे. क्योंकि लिंडा के न होने से काफी काम प्रभावित हो रहा था, स्टाफ भी स्ट्रगल कर रहा था.' वहीं इम्प्लॉयमेंट जज गेराल्ड जॉनसन ने फैसले के अंत में कहा, ' कर्मचारी वॉकर ने ये कहा कि अगर उनके उपयुक्त कुर्सी और डेस्क मिल जाती तो वह ऑफिस जल्दी आ सकती थीं और अपनी ड्यूटी निभा सकती थी. लेकिन कंपनी ऐसा करने में नाकाम रही.'