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बच्चे ने प्राइवेट पार्ट में फंसाई सुई, डॉक्टरों ने लगाई ये तरकीब

Renuka Sahu
4 Oct 2021 4:51 AM GMT
बच्चे ने प्राइवेट पार्ट में फंसाई सुई, डॉक्टरों ने लगाई ये तरकीब
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फाइल फोटो 

ईरान में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ईरान (Iran) में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जहां 10 साल के एक बच्चे ने अपने प्राइवेट पार्ट (Private Part) में एक सुई फंसा (Needle) ली. हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल ले जाना पड़ा. एक्सरे के बाद डॉक्टरों ने लड़के के शरीर में 9 सेंटीमीटर लंबी सुई फंसी होने का खुलासा किया. दुनिया के कई देशों में ऐसे अजब-गजब मामले सामने आ रहे हैं.

अभी कुछ दिन पहले ही 15 साल के बच्चे ने अपने प्राइवेट पार्ट में यूएसबी केबल फंसा लिया था. इसके बाद नेपाल का वो केस भी सुर्खियों में रहा जहां एक शख्स ने अपना प्राइवेट पार्ट पानी की बोतल में फंसा लिया था. जिसके बाद बड़ी मुश्किल से उसकी जान बचाई जा सकी.
तीन घंटे तक चला ऑपरेशन
शरीर के नाजुक अंग में फंसी सुई इस तरह अटकी थी कि उसे किसी सिंगल कट के जरिए नहीं निकाला जा सकता था. बच्चा छोटा था इसलिए सावधानी बरती गई. तीन घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद डॉक्टर प्राइवेट पार्ट में फंसी सुई निकाल पाने में कामयाब हुए.
कैसे पहुंची सुई ये खुलासा नहीं
सर्जरी करने वाले डॉक्टर्स के मुताबिक बच्चे ने सुई को प्राइवेट पार्ट में अंदर की तरफ धकेल दिया था. सुई ठीक वहां फंसी थी जो ख़ास तौर से यूरीन और सीमेन का मार्ग होता है. फिलहाल ये पता नहीं लग सका है कि सुई शरीर में कैसे पहुंची. इसकी एक संभावित वजह बच्चे की मनोदशा को भी माना जा रहा है. हालांकि डॉक्टरों ने ये दावा भी किया कि बच्चे की दिमागी हालत ठीक है.
डॉक्टरों ने लगाई ये तरकीब
यूरोलॉजी केस रिपोर्ट्स के जर्नल में प्रकाशित यह घटना बेहद दुर्लभ है. बच्चे का इलाज करने वाले शाहिद सदौघी यूनिवर्सिटी के प्रमुख यूरोलॉजिस्ट सेराजॉडिन वहिदी ने कहा, 'प्राइवेट पार्ट में फंसे किसी नुकीले ऑब्जेक्ट को इस तरह बाहर निकालने में पहली बार कामयाबी मिली है. सुई अंदर ऐसी हालत में थी जिसे सामान्य तरीके से निकालना असंभव था. हमने इफेक्टेड एरिया में एनेस्थेटिक इंजेक्शन दिया. सर्जरी के दौरान टीम ने सुई के चौड़े सिरे को दबाकर नुकीले हिस्से को स्किन में दाखिल कराया और आखिरकार इस तरह सुई को प्राइवेट पार्ट से निकालने में कामयाबी हासिल की.
सर्जरी करने वाली टीम को ये डर भी था कि कहीं प्राइवेट पार्ट का कोई हिस्सा डैमेज ना हो जाए. कामयाब सर्जरी के बाद बच्चे को यूरीनेट में कोई समस्या नहीं है. वहीं डॉक्टर्स के मुताबिक बच्चे को किसी तरह की कोई स्थायी क्षति नहीं हुई है.


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