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जब ट्रेन पटरी से उतर गई थी और उसमें 107 लोगों की मौत हो गई थी।
जब ट्रेन 150 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही हो और तभी ड्राइवर अपनी सीट से उठकर टॉयलेट के लिए चला जाए तो क्या होगा, आप जरूर इसे एक फिल्मी घटना कहेंगे, मगर ऐसा असल जिंदगी में हुआ है। दरअसल, जापान में बुलेट ट्रेनों की टाइमिंग का बड़ा महत्व है। यही वजह है कि बुलेट ट्रेन का ड्राइवर 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही ट्रेन की कमान एक अनट्रेंड कंडक्टर के हाथ में थमा कर खुद टॉयलेट करने लिए चला गया।
हालांकि, ड्राइवर ट्रेन को चलता छोड़कर टॉयलेट चला गया, यह बात किसी ने नोटिस नहीं की और न ही कोई घटना घटी। हालांकि, ट्रेन एक मिनट लेट जरूर हो गई। जब ट्रेन के एक मिनट लेट होने की बात की जांच की गई तब ड्राइवर के टॉयलेट जाने की बात सामने आई और उसने खुद स्वीकार किया कि कंडक्टर को कमान सौंप वह टॉयलेट चला गया था। बता दें कि जापान ट्रेनों के मामले में समय का बहुत पाबंद है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना 16 मई की है, जब शिंकनसेन के बुलेट ट्रेन हिकारी नंबर 633 में 160 यात्री सवार थे। 36 वर्षीय ड्राइवर बुलेट ट्रेन हिकारी नंबर 633 चला रहा था और इसी दौरान अचानक उसे तेज बाथरूम लग गई थी और वह कंडक्टर को ट्रेन की कमान सौंप टॉयलेट करने के लिए बाथरूम चला गया। हैरानी की बात है कि उस कंडक्टर के पास लाइसेंस भी नहीं था। जापान में बुलेट ट्रेन चलाने के लिए लाइसेंस की जरूरत होती है। इस तरह से बुलेट ट्रेन का ड्राइवर टॉयलेट के लिए करीब 3 मिनट तक अपनी सीट से गायब रहा।
इस घटना के सामने आने के बाद रेलवे कंपनी ने सरकार को सूचना दी और माफी मांगी। द सेंट्रल जापान रेलवे कंपनी ने बताया कि यह घटना 16 मई यानी पिछले रविवार की है, जब ट्रेन सेंट्रल शिजोका की ओर जा रही थी। बताया जा रहा है कि ड्राइवर को अचानक पेट में दर्द हुआ और उसे तत्काल टॉयलेट जाने की जरूरत महसूस हुई। यहां ध्यान देने वाली बात है कि रेलवे कंपनी के नियम में कहा गया है कि अगर सफर के दौरान ड्राइवर अस्वस्थ महसूस करता है तो उसे अपने ट्रांसपोर्ट कमांड सेंटर से संपर्क करना चाहिए। वह कंडक्टर को ट्रेन का कंट्रोल अपने हाथ में लेने के लिए भी कह सकता है, बशर्ते उस कंडक्टर के पास ड्राइविंग लाइसेंस हो।
इस घटना पर ड्राइर ने कहा कि वह ट्रेन को बीच रास्ते में रोककर देरी नहीं करना चाहता था। उसने आगे कहा कि मैंने इसकी सूचना नहीं दी, क्योंकि यह शर्मनाक था। बता दें कि जापान में ट्रेनों का लेट होना प्रतिष्ठा के लिहाज से खराब माना जाता है। जेआर सेंट्रल ने कहा कि अब ड्राइवर और कंडक्टर दोनों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। बता दें कि जापान में पिछला सबसे बड़ा रेल हादसा 2005 में हुआ था, जब ट्रेन पटरी से उतर गई थी और उसमें 107 लोगों की मौत हो गई थी।
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