ब्रिटिश सरकार को अब भी भारत के साथ मुक्त व्यापार संधि होने की पूरी उम्मीद
दिल्ली: भारत की यात्रा करने के इच्छुक ब्रिटेन के सैकड़ों नागरिकों को अपनी यात्राएं रद्द करनी पड़ रही हैं, क्योंकि यात्रा आवेदकों के वीजा आवेदन एजेंटों के माध्यम से स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं। आवेदक को खुद यूके के वीजा केंद्रों में पहुंचकर आवेदन करना पड़ रहा है। वहीं दूसरी ओर, ब्रिटिश सरकार को अब भी भारत के साथ मुक्त व्यापार संधि होने की उम्मीद है। उससे भी बड़ी मुसीबत यह है कि उनकी भारत आने वाली निर्धारित उड़ानों से पहले वीजा केंद्रों में अपॉइंटमेंट स्लॉट ही उपलब्ध नहीं है। ब्रिटेन में भारत के सभी नौ वीजा प्रोसेसिंग केंद्रों में एपाइंटमेंट के लिए प्रतीक्षा अवधि एक माह से ऊपर चल रही है। ये समस्या बीते कई महीनों से चल रही है।
माह के अंत स्थापित होंगे दो नए वीजा केंद्र: उच्चायुक्त
यूके में भारत के उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी समस्या का समाधान निकालने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने लंदन से भेजे अपने वीडियो संदेश में कहा, जल्द ही अधिक ऑनलाइन वीजा स्लॉट जारी किए जाएंगे। हम क्षमता बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। इस माह के अंत तक स्कॉटलैंड के ग्लासगो और मध्य लंदन में दो नए वीजा केंद्र स्थापित कर दिए जाएंगे।
बंद की जा चुकी है पेपर वीजा की सुविधा: पहले ब्रिटेन के नागरिक भारत में डाक के जरिए पेपर वीजा के लिए आवेदन करते थे लेकिन वहां की सरकार ने यह सुविधा बंद कर दी है। इससे ब्रिटेन के नागरिकों को भारत का वीजा आसानी से उपलब्ध हो जाता था। अब यह कार्य बहुत मुश्किल हो चुका है।
ब्रिटेन ने कहा, भारत से तय समय पर मुक्त व्यापार करार की उम्मीद कायम: ब्रिटिश गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन की भारतीय प्रवासियों के वीजा संबंधी टिप्पणी के बाद लिज ट्रस की सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह भारत के साथ दो हफ्ते में मुक्त व्यापार संधि (एफटीए) को पूरा करेगी। उम्मीद जताई गई है कि सुएला की विवादित टिप्पणी से भारत-ब्रिटेन रिश्तों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। पीएम ट्रस के प्रवक्ता ने कहा कि हम दिवाली तक वार्ता समाप्त करना चाहते हैं। सूत्रों के मुताबिक, पीएम नरेंद्र मोदी इस माह एफटीए पर हस्ताक्षर के लिए ब्रिटेन आने वाले थे, लेकिन अब तक कोई तिथि तय नहीं हुई है।
विदेश मंत्री ने कही थी दरार कम करने की बात: ब्रिटेन की गृह मंत्री के बयान के बाद विदेश मंत्री जेम्स क्लीवरली ने लंदन और नई दिल्ली के बीच पैदा हुई दरार को कम करने की मांग की थी। उन्होंने ब्रिटेन-भारत के मजबूत रिश्तों की पैरवी की थी। दरअसल, प्रवासियों की आलोचना से भारत नाराज है।
इस टिप्पणी के बाद पैदा हुआ था विवाद: ब्रिटेन की गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने कहा था कि भारत-ब्रिटेन व्यापार सौदे से देश में प्रवासियों की संख्या बढ़ सकती है और ब्रेग्जिट के लक्ष्यों पर असर पड़ सकता है। उन्होंने ट्रस सरकार के भारत से एफटीए पर आगे बढ़ने पर हैरानी जताई थी।