रूस-यूक्रेन युद्ध के 72वें दिन जहां यूक्रेनी शहरों में रूसी बमबारी जारी रही वहीं यूएन में भी इस मुद्दे पर भारत के संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग न लेने पर सरगर्मी रही। भारत ने नीदरलैंड के डच राजदूत द्वारा उठाए मुद्दे पर कहा, कृपया हमें नसीहत न दें। भारत को पता है कि उसे क्या करना है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, भारत जानता है कि उसे क्या करना है।
इससे पहले ग्रेट ब्रिटेन और नॉर्दर्न आयरलैंड के लिए नीदरलैंड के राजदूत कैरेल वान ओस्टरोम ने कहा था कि भारत को यूक्रेन मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में भाग लेना चाहिए था। एक ट्वीट में डच राजदूत ने तिरुमूर्ति से कहा, आपको यूएनजीए में शामिल होना चाहिए था। संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करें। तिरुमूर्ति ने यूक्रेन मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक बयान दिया। उन्होंने ट्विटर पर अपना बयान पोस्ट करते हुए कहा, आज मैंने ओस्टरोम के महासभा में भारत की गैर मौजूदगी पर की गई टिप्पणी को लेकर सुरक्षा परिषद में बयान दिया है।
प्रस्ताव से इस तरह दूर रहा भारत
भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में रूस को निलंबित करने संबंधी यूएनजीए में लाए गए अमेरिकी प्रस्ताव पर मतदान से दूरी बनाई थी। प्रस्ताव में रूस पर कीव से पीछे हटने के दौरान नागरिकों की हत्या का आरोप था। भारत ने कहा था कि पहले मानवीय सहायता पर ध्यान देना चाहिए। महासभा में दो मार्च को हुए मतदान में रूसी हमलों की कड़ी निंदा की गई। भारत, 34 अन्य देशों के साथ प्रस्ताव से अनुपस्थित रहा।
भारत ने यूएनएससी से कहा, युद्ध में नहीं होगी किसी की जीत
भारत ने बृहस्पतिवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध में दोनों में से किसी भी पक्ष की जीत नहीं होगी। भीषण लड़ाई वाले क्षेत्रों से मासूम नागरिकों की तत्काल निकासी पर जोर देते हुए उसने कहा कि इस युद्ध में 'कूटनीति' अंतिम हताहत होगी। तिरुमूर्ति ने स्पष्ट किया कि भारत शांति का पक्षधर है और मानता है कि युद्ध प्रभावित लोगों को नुकसान होता रहेगा। भारत ने वार्ता और कूटनीति का रास्ता निकालने की अपील की।
आर्थिक स्तर पर हो रहा विश्वयुद्ध : रूस
संयुक्त राष्ट्र में रूसी प्रतिनिधि वसीली नेबेंजिया ने सुरक्षा परिषद में एक बैठक के दौरान कहा कि यूक्रेन में रूसी विशेष सैन्य अभियान के खिलाफ किए जा रहे उपायों के चलते वर्तमान में आर्थिक स्तर पर एक विश्वयुद्ध हो रहा है। उन्होंने कहा, यह युद्ध यूक्रेन में नहीं, बल्कि रूसी संघ के खिलाफ पश्चिम का सामूहिक छद्म युद्ध है। नेबेंजिया ने कहा, यदि आज हम विश्वयुद्ध की बात करें तो नि:संदेह यह आर्थिक स्तर पर छेड़ा जा रहा है।
'विजय दिवस' से पहले रूस की मैरियूपोल पर कब्जे की योजना
ब्रिटिश सेना का मानना है कि रूस 9 मई को अपने 'विजय दिवस' से पहले यूक्रेनी बंदरगाह शहर मैरियूपोल व इस्पात संयंत्र को अपने नियंत्रण में लेना चाहता है। स्टील संयंत्र में लड़ाई जारी है जहां रूसी बमबारी से बचने के लिए यूक्रेनी सैनिकों व आम लोगों ने भूमिगत सुरंगों में डेरा डाला हुआ है।
ज्यादातर रूसी बलों ने मैरियूपोल छोड़ा : पेंटागन
अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि मैरियूपोल के इर्द-गिर्द मौजूद ज्यादातर रूसी बल क्षेत्र छोड़कर उत्तर की तरफ बढ़ गए हैं। पेंटागन ने दावा किया कि मैरियूपोल व उसके आसपास अब करीब 2,000 रूसी सैनिक ही हैं। यहां रूसी हवाई हमले जारी हैं।
नागरिकों को स्टील प्लांट से निकालने के प्रयास शुरू
यूक्रेन का कहना है कि मैरियूपोल के स्टील प्लांट की सुरंगों और बंकरों में फंसे सैकड़ों नागरिकों को निकालने के प्रयास शुक्रवार को नए सिरे से शुरू किए गए हैं। बृहस्पतिवार को रूसी फौजों के साथ भीषण लड़ाई के कारण इन्हें निकालने के प्रयास नाकाम हो गए थे। सोवियत संघ के समय के इस स्टील प्लांट में अब भी यूक्रेनी लड़ाकों का वर्चस्व है। बाहर के इलाके पर रूस का कब्जा है।
गुटेरस ने कहा, क्रूर व मूर्खतापूर्ण युद्ध खत्म करें
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरस ने दुनिया से एकजुट होकर यूक्रेन में युद्ध खत्म करने का आह्वान किया। उन्होंने यूक्रेन युद्ध को मूर्खतापूर्ण, क्रूर व दुनिया को असीमित नुकसान पहुंचाने वाला करार दिया। उन्होंने कहा, संघर्ष विराम कई लोगों को मौत के मुंह में जाने से रोकेगा।