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चीन और पाकिस्तान की सेना ने SCO के तहत किया सैन्य अभ्यास, घेराबंदी और तलाशी सहित इन चीजों की प्रैक्टिस की

Neha Dani
5 Oct 2021 3:36 AM GMT
चीन और पाकिस्तान की सेना ने SCO के तहत किया सैन्य अभ्यास, घेराबंदी और तलाशी सहित इन चीजों की प्रैक्टिस की
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आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के रिश्ते में कड़वाहट भी देखने को मिली थी.

शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के क्षेत्रीय आतंकवाद रोधी ढांचे (आरएटीएस) के तहत पाकिस्तान में आयोजित पहला आतंकवाद-रोधी अभ्यास सोमवार को संपन्न हो गया है, जिसमें चीन और पाकिस्तान (China Pakistan News) के सैनिकों ने अपने अनुभव साझा किए. पाकिस्तानी सेना ने एक बयान में कहा कि आतंकवाद रोधी संयुक्त अभ्यास (जेएटीई)- 2021 का समापन समारोह उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के राष्ट्रीय आतंकवाद रोधी केंद्र, पब्बी में आयोजित किया गया.

बयान में कहा गया, 'अभ्यास अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का मुकाबला करने में सहयोग और एकजुटता बढ़ाने पर केंद्रित है.' चीन और पाकिस्तान के सैनिकों ने अभ्यास में भाग लिया और उभरते खतरों का मुकाबला करने के लिए उपयोग की जा रही उभरती प्रौद्योगिकियों को लेकर अपने अनुभव साझा किए (China Pakistan Military Exercise). दो सप्ताह तक चला यह अभ्यास 21 सितंबर को शुरू हुआ था, जो इसका दूसरा चरण था. पहला चरण 26 से 31 जुलाई तक आयोजित किया गया था.
किस तरह का अभ्यास हुआ?
पाकिस्तानी सेना ने कहा है, 'दो हफ्ते तक चले प्रशिक्षण में हिस्सा लेने वाले चीन और पाकिस्तान के सैनिकों ने संयुक्त आतंकवाद रोधी अभियानों के हिस्से के रूप में योजना बनाने से लेकर उसके संचालन तक, विभिन्न ड्रिल्स का व्यापक अभ्यास किया है.' अभ्यास में घेराबंदी और तलाशी, परिसर की निकासी, करीब से लड़ाई, हेलीकॉप्टर से रैपलिंग, विस्फोटक से निपटने और चिकित्सा निकासी जैसे मुद्दे शामिल थे (China Military Exercise). बता दें अर्थव्यवस्था और रक्षा ब्लॉक से जुड़े संगठन एससीओ की स्थापना साल 2001 में हुई थी. 2017 में भारत और पाकिस्तान इसके पूर्णकालिक सदस्य बने थे.
चीन में तैनात हो रहे पाक सैनिक
डूबती अर्थव्यवस्था के बीच देश चलाने के लिए पाकिस्तान लगातार चीन की गुलामी कर रहा है. बीते दिनों खबर आई थी कि पाकिस्तान के सैनिक चीन की वेस्टर्न और साउदर्न थियेटर कमांड में तैनात हो रहे हैं. ये चीन को खुश करने की पाकिस्तान की कोशिश है (China Pakistan Relations). ऐसा इसलिए क्योंकि कुछ महीनों से पाकिस्तान में चीनी प्रोजेक्ट और इनके लिए काम कर रहे चीनी कर्मियों को आतंकवादी हमलों में निशाना बनाया जा रहा है, जिसपर चीन ने नाराजगी जताई है. चीनी नागरिकों की बस पर हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के रिश्ते में कड़वाहट भी देखने को मिली थी.

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