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स्थानीय झीलों पर आर्किटेक्ट डिजाइनर ने लोमड़ी की एक विशालकाय तस्वीर बनाई, 90 मीटर थी लंबाई

Neha Dani
17 Dec 2021 7:52 AM GMT
स्थानीय झीलों पर आर्किटेक्ट डिजाइनर ने लोमड़ी की एक विशालकाय तस्वीर बनाई, 90 मीटर थी लंबाई
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इस तरह की कला बनाने से प्रकृति पर कोई निशान नहीं छूटता है।

दक्षिणी फिनलैंड में एक आर्किटेक्ट डिजाइनर ने एक जमी हुई झील पर लोमड़ी की एक विशालकाय तस्वीर बनाई। बर्फ पर चित्रकारी का यह कारनामा उसने लगातार छठे साल कर दिखाया है। आर्टिस्ट को उम्मीद है कि उसका यह आर्टवर्क लोगों को खुश और प्रोत्साहित करेगा कि वे बाहर निकलें और खूबसूरत प्रकृति का आनंद उठाएं। पासी विडग्रेन नाम के शख्स ने लोमड़ी की एक विशालकाय तस्वीर हेलसिंकी के उत्तर में स्थित पिटकजारवी झील बर्फ पर 4 दिसंबर को बनाई थी जिसकी लंबाई 90 मीटर (295 फीट) थी।

पिछले साल विडग्रेन ने एक भालू और एक उल्लू की तस्वीर बनाने के लिए एक फावड़े का इस्तेमाल किया था। वह हर साल अपनी चित्रकारी के लिए कैनवास के रूप में एक ही झील का इस्तेमाल करते हैं। विडग्रेन 2016 से हर साल स्थानीय झीलों पर जानवरों के चित्र बना रहे हैं। बर्फ पड़ने पर या झील की सतह पिघलने पर ये चित्र गायब हो जाते हैं। 40 साल के विडग्रेन ने एसोसिएटेड प्रेस से बात करते हुए कहा कि इस कला के बारे में मुझे कुछ साल पहले विचार आया जब मुझे अहसास हुआ कि शायद मेरे पास इस तरह का काम करने के लिए विशेष क्षमता है।
खुदाई से पहले सतह की मोटाई की जांच
इस महीने पर जब वह पिटकजारवी झील पर पहुंचे तो पहले उन्होंने बर्फ की मोटाई की माप की यह सुनिश्चित करने के लिए कि सतह पर खुदाई करना और चलना सुरक्षित है। यह 10 से 15 सेमी (चार से छह इंच) मोटी थी। विडग्रेन ने बताया कि सुरक्षा के लिए वे अपने साथ आइस अवल्स का एक सेट लेकर गए थे ताकि बर्फ के टूटने पर वह खुद को रेस्क्यू कर सकें। इसके बाद उन्होंने बर्फ पर टहलकर अपने मन में लोमड़ी की एक तस्वीर की कल्पना की और फिर फावड़े का इस्तेमाल करके खोदना शुरू कर दिए।
चट्टान पर चढ़कर देखा अपनी सफलता का चित्र
चार घंटे की मेहनत के बाद उन्होंने इसे पूरा कर लिया। उन्होंने कहा कि मैं रिजल्ट देखने के लिए झील से 45 मीटर ऊपर चट्टानों के शीर्ष पर चला गया। ऊंचाई पर पहुंचकर मैंने बोतल से कॉफी पी और इसकी कुछ तस्वीरें और वीडियो लिए। विडग्रेन ने बताया कि सोमवार तक लोमड़ी कुछ कम दिखाई दे रही थी क्योंकि उसमें थोड़ी बर्फबारी हुई थी। उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह बेहद अहम है कि इस तरह की कला बनाने से प्रकृति पर कोई निशान नहीं छूटता है।


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