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हादसा की वजह बानी राजा फिरौन के प्राचीन श्राप, झेलना पड़ रहा है मिस्र को समस्या
Apurva Srivastav
31 March 2021 2:35 PM GMT
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मिस्र (Egypt) में हाल के कुछ सप्ताह देश के लिए काफी कठिन गुजर रहे हैं.
मिस्र (Egypt) में हाल के कुछ सप्ताह देश के लिए काफी कठिन गुजर रहे हैं. देश में एक के बाद एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसे हो रहे हैं. इन हादसों को लेकर कहा जा रहा है कि मिस्र में ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि इसे मिस्र के सबसे ताकतवर (Pharaoh) का श्राप लग गया है. दरअसल, इसके पीछे की वजह हाल के दिनों में हुए कुछ हादसे हैं. 26 मार्च को मिस्र में हुए ट्रेन हादसे में 32 लोगों को जान गंवानी पड़ी और 100 से अधिक लोग जख्मी हो गए. अगले ही दिन यानी कि 27 मार्च को एक इमारत भरभराकर गिर गई और 18 लोग मौत की नींद सो गए. फिर स्वेज नहर में विशालकाय जहाज फंस गया.
देश में हुए इन सिलसिलेवार हादसों को लेकर लोगों के बीच ट्विटर पर चर्चा शुरू हो गई. इस दौरान लोगों ने कहा कि देश को फिरौन का श्राप (Pharaoh's Curse) लगा है, क्योंकि सरकार तीन अप्रैल को 22 शाही ममी को राजधानी काहिरा (Cairo) से फुसतात (Fustat) स्थानांतरित करने की योजना बना रही है. इन ममी को काहिरा के तहरीर स्क्वायर (Tahrir Square) में स्थित इजिप्शियन म्यूजियम से फुसतात के नेशनल म्यूजियम ऑफ इजिप्शियन सिविलाइजेशन (National Museum of Egyptian Civilization) में भेजने की योजना है. इन इन ममियों में राजा रामसेस द्वितीय, और रानी अहमोस-नेफरतारी भी शामिल हैं.
ममियों की शांति भंग करने पर झेलना पड़ता है श्राप
इम ममियों को लेकर होने वाली परेड की खबर सामने आने के बाद से देश में लगातार हादसे हो रहे हैं. ऐसे में सोशल मीडिया यूजर्स ने कहा कि लोगों ने राजा की शांति को भंग किया, इसलिए मौत आने वाली है. दूसरी ओर, पुरातत्वविदों ने दावा करते हुए कहा है कि खुदाई के दौरान किसी भी प्राचीन कब्र को नुकसान नहीं पहुंचाया गया था. उन्होंने कहा कि इन दुर्घटनाओं का होना सिर्फ एक संयोग है. प्राचीन कथाओं के मुताबिक, जो भी प्राचीन ममियों की शांति को भंग करता है. उसे इन्हें दफनाने के दौरान पौराणिक पुजारियों द्वारा अवशेषों पर रखे गए श्राप को झेलना पड़ता है.
इतिहासकारों ने खारिज की श्राप की बात
ट्विटर पर फिरौन के अभिशाप की ओर इशारा करते हुए पोस्टों की भरमार है. लेकिन मिस्र के इतिहास की गहराई से जानकारी रखने वाले जाही हावास ने आश्वासन दिया है कि ऐसी कोई बात नहीं है. हावास ने बताया कि अतीत में कब्रों की खुदाई के दौरान हुई पुरातत्वविदों की मौतें साइटों पर मौजूद कीटाणुओं के कारण हुई थीं. मिस्र के इतिहासकार और लेखक बासम अल-शाममा ने भी फिरौन के अभिशाप की अफवाहों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि मंदिरों की दीवारों पर नक्काशी किए गए वाक्यांशों और आकृतियों ने प्राचीन मिस्रवासियों की कल्पना को व्यक्त किया है
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