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यह जहाज नहर में ही किनारे खड़ा हुआ था.
मार्च महीने में स्वेज नहर (Suez Canal) में बड़े ट्रैफिक जाम का कारण बना विशाल कंटेनर जहाज एवर गिवन (Ever Given) आखिरकार अब यहां से हट गया है. जहाज फंसने से वैश्विक व्यापार को हुए नुकसान को लेकर चल रहे विवाद पर आखिरकार मिस्र ने जहाज के मालिकों और बीमाकर्ताओं के साथ कंपनसेशन डील पर साइन कर दिए हैं. हालांकि इस डील की शर्तें क्या हैं, इसका अभी खुलासा नहीं किया गया है. मिस्र ने नुकसान की भरपाई के लिए 550 मिलियन अमरीकी डॉलर की मांग की थी.
3 महीने से चल रही थी बातचीत
एवर गिवन जहाज के जापानी मालिक शोई किसेन कैशा लिमिटेड (Shoei Kisen Kaisha Ltd) का नहर प्राधिकरण के साथ 3 महीने से ज्यादा की बातचीत और अदालती कार्रवाई के बाद मुआवजे की राशि पर समझौता हो पाया है.
इस्माइलिया के स्वेज नहर शहर में एक समारोह में दोनों पार्टियों ने इस डील पर साइन किए और इसके बाद जहाज को भूमध्य सागर की ओर जाते हुए देखा गया. मिस्र के एक कोर्ट ने सेटलमेंट डील होने के बाद जहाज को न्यायिक जब्ती से आजाद कर दिया, तब जाकर यह जहाज यहां से विदा हुआ.
कई नुकसानों की भरपाई करेगा मुआवजा
नहर के अधिकारियों के अनुसार, मुआवजे (Compensation) का पैसा फंसे हुए जहाज को निकालने के लिए चलाए गए बचाव अभियान, नहर में ट्रैफिक जाम के कारण हुए नुकसान आदि को कवर करेगा. बता दें कि 193 किमी (120-मील) लंबी स्वेज नहर अपने उत्तरी छोर पर भूमध्य सागर को दक्षिण में लाल सागर से जोड़ती है, जिससे एशिया और यूरोप के बीच माल पहुंचाने के लिए लंबे रास्ते को पार करने की बजाय छोटा सा समुद्री रास्ता देती है.
23 मार्च को 400 मीटर लंबा (1,312 फीट) एवर गिवन मालवाहक जहाज तेज हवाओं के चलते स्वेज नहर में फंस गया था. इसके कारण 6 दिन तक रहे ट्रैफिक जाम में सैंकड़ों जहाज फंस गए थे और बड़े पैमाने पर वैश्विक व्यापार प्रभावित हुआ था. तब से ही मुआवजे को लेकर जहाज के मालिक और स्वेज नहर प्राधिकरण के बीच विवाद चल रहा था और यह जहाज नहर में ही किनारे खड़ा हुआ था.
Neha Dani
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