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बेटी है Davao City की मेयर
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मनीला: फिलीपींस (Philippines) के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते (Rodrigo Duterte) ने फिर बेतुका बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि सत्ता संभालना महिलाओं के बस की बात नहीं है. दुतेर्ते ने कहा कि महिलाएं अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख पातीं, जिसकी वजह से वो पुरुषों के मुकाबले कमजोर हो जाती हैं. रोड्रिगो दुतेर्ते ने यह भी साफ किया कि उनकी बेटी सारा दुतर्ते राष्ट्रपति का चुनाव नहीं लड़ेंगी. विवादास्पद बयानों के लिए विख्यात दुतेर्ते ने अपनी बेटी को चुनाव नहीं लड़ाने का ऐलान करके एक तरह से वंशवाद की राजनीति पर प्रहार किया है, लेकिन महिलाओं की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाकर उन्होंने बवाल को भी जन्म दे दिया है.
Women मूर्ख बन जाएंगी
राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते (Rodrigo Duterte) ने गुरुवार को एक हाईवे प्रोजेक्ट के उद्घाटन के मौके पर कहा, 'मैंने अपनी बेटी से भी अगले साल राष्ट्रपति का चुनाव नहीं लड़ने को कहा है. मैं जानता हूं कि उसे भी वही सब सहना होगा जो मैंने सहा है और वो यह नहीं कर पाएगी'. उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं इमोशनल सेट-अप पुरुषों के मुकाबले कमजोर होता है. इसलिए सत्ता में वह मूर्ख बन जाएंगी. राष्ट्रपति की कुर्सी संभालना किसी महिला के बस की बात नहीं है.
बेटी है Davao City की मेयर
महिला विरोधी बयान देते वक्त रोड्रिगो दुतेर्ते ने शायद फिलीपींस के इतिहास पर नजर नहीं डाली. देश में अब तक दो महिलाएं राष्ट्रपति रह चुकी हैं. ग्लोरिया मैकापगल अरोयो ने 2001 से 2010 तक और कोराजोन एक्विनो ने 1986 से 1992 तक शासन चलाया. यहां गौर करने वाली बात ये है कि रोड्रिगो की बेटी सारा दुतर्ते (Sara Duterte-Carpio) भी राजनीति में काफी अच्छा कर रही हैं. वह अभी दवाओ शहर (Davao City) की मेयर हैं. माना जा रहा था कि रॉड्रिगो दुतर्ते के बाद फिलीपींस के राष्ट्रपति की कुर्सी पर उनकी बेटी बैठ सकती हैं, लेकिन, राष्ट्रपति ने साफ कर दिया कि उनके बाद सत्ता की बागडोर किसी तीसरे व्यक्ति खासकर पुरुष के हाथों में होनी चाहिए.
जनता की पसंद हैं Sara Duterte
रॉड्रिगो दुतर्ते ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब पल्स एशिया रिसर्च के सर्वे में उनकी बेटी सारा को राष्ट्रपति पद के लिए सबसे मजबूत उम्मीदवार बताया गया है. सारा ने साल 2019 में राजनीति में कदम रखा था और सीनेट कैंडिडेट्स के लिए चुनाव प्रचार किया था, जिनमें से अधिकांश उम्मीदवारों की जीत हुई थी. वहीं, महिलावादी संगठनों ने राष्ट्रपति के इस बयान की निंदा की है. उनका कहना है कि आज के दौर में महिलाएं पुरुषों को हर क्षेत्र में टक्कर दे रही हैं. कई देशों एके बागडोर महिलाओं के हाथों में ऐसे में रॉड्रिगो दुतर्ते का यह बयान उनकी छोटी सोच को दर्शाता है.
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