विश्व
थाईलैंड ने पारित किया विधेयक, यौन अपराधियों को कानूनी तौर पर बनाया जा सकेगा नपुंसक
Kajal Dubey
12 July 2022 6:45 PM GMT
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बढ़ते यौन अपराधों को लेकर पूरी दुनिया में कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इसी बीच थाईलैंड की सरकार ने मंगलवार को एक ऐसा विधेयक पारित किया है, जिसके बाद अपराधी दुष्कर्म जैसे अपराध करने से पहले सौ बार सोंचेगा। दरअसल, थाईलैंड ने आज यौन अपराधियों के रासायनिक कास्ट्रेशन को अनुमति देने वाले विधेयक को पारित किया है। इसके बाद अब वहां कानूनी तौर पर बार-बार यौन अपराध करने वालों को नपुंसक बनाया जा सकेगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, थाई सीनेट द्वारा पारित बिल में कहा गया है कि एक मनोरोग विशेषज्ञ और एक आंतरिक चिकित्सा विशेषज्ञ के अनुमोदन से और संबंधित यौन अपराधी की सहमति से ही यह निर्धारित किया जा सकेगा। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ऐसे अपराधी जो बार-बार यौन अपराध करते हैं, वे अगर इससे बचने का इलाज के लिए सहमत होंगे तो दवा और इंजेक्शन द्वारा उनके टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम कर दिया जाएगा। बिल में यह भी कहा गया है कि इसके बदले में उनको सजा में छूट दी जाएगी।
मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया है कि थाईलैंड के न्याय मंत्रालय ने ' हिंसा से संबंधित पुन: उल्लंघन निवारण विधेयक' प्रस्तावित किया गया था। जिसे प्रतिनिधि सभा में पहले ही पारित कर दिया गया था। इसे सांसदों के समर्थन के बाद आज सीनेट द्वारा पारित किया गया। सीनेट में इसे 145-0 मतों द्वारा पारित किया गया। अब इसके रायल गजट में प्रकाशित होने के लिए कैबिनेट एक तारीख तय करेगी। कैबिनेट द्वारा तय तारीख में रायल गजट में प्रकाशित होने पर ये बिल कानून बन जाएगा।
गौरतलब है कि रासायनिक दवाओं द्वारा नपुंसक बनाने की सजा नई नहीं है। थाईलैंड से पहले इसे दक्षिण कोरिया, पाकिस्तान, पोलैंड और अमेरिका के कई राज्यों में अमल में लाया गया है। इसके अलावा नार्वे, डेनमार्क और जर्मनी सहित अन्य देशों ने गंभीर यौन अपराधियों के सर्जिकल कैस्ट्रेशन का विकल्प चुना है। हालांकि, समय-समय पर नपुंसक बनाने की प्रक्रिया को मानवाधिकारों का उल्लंघन बताते हुए इसे मुद्दा बनाया गया है।
वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि रासायनिक दवाओं के प्रयोग से नपुंसक बना देने से यौन अपराधों पर पूरी तरह से लगाम नहीं लग सकती। उनका कहना है कि यौन अपराधों में कई प्रकार की हिंसाएं आती हैं। वहीं उनका ये भी कहना है कि इससे व्यक्ति अधिक हिंसक हो जाएगा। उसके मन में लड़कियों के लिए नफरत पैदा हो सकती है।
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