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अंकुश लगाने सहित कई विशेषताओं को शामिल किया गया है।
थाइलैंड ने श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को अस्थायी निवास की अनुमति दे दी है। थाइलैंड ने राजपक्षे के अनुरोध पर यह इजाजत इस शर्त पर दी है कि वह यहां रहने के दौरान दूसरे देश में स्थायी शरण की तलाश करेंगे और उसके देश के लिए समस्या नहीं बनेंगे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सिंगापुर रह रहे राजपक्षे गुरुवार को थाइलैंड की राजधानी बैंकाक के लिए रवाना हो गए।
कोलंबो गजट ने थाइलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओ-चा के हवाले से कहा है कि यह एक मानवीय मुद्दा है। हम लोगों ने वादा किया है कि वह यहां अस्थायी रूप से रहेंगे। किसी भी राजनीतिक प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी। थाइलैंड के विदेश मंत्री डोन प्रमुदविनाई ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे यहां 90 दिन तक रह सकते हैं, क्योंकि वह अभी एक राजनयिक पासपोर्ट धारक हैं। श्रीलंका में भारी विरोध के चलते देश छोड़कर सिंगापुर भागे पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे की सिंगापुर की वीजा अवधि गुरुवार को समाप्त हो गई।
श्रीलंका के 22वें संविधान संशोधन के मसौदे में परिवर्तन
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार श्रीलंका के न्याय मंत्री विजेदासा राजपक्षे ने कहा है कि पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया के देश छोड़कर जाने के बाद 22वें संविधान संशोधन के मसौदे में परिवर्तन किया गया है। उन्होंने कहा मसौदे में प्रधानमंत्री और मंत्रिमंडल को बर्खास्त करने की राष्ट्रपति की शक्ति पर अंकुश लगाने सहित कई विशेषताओं को शामिल किया गया है।
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