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इमरान खान का दावा
पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने मंगलवार को दावा किया कि दक्षिण-पश्चिमी अशांत बलूचिस्तान प्रांत में हाल में हुए घातक हमलों में शामिल आतंकवादियों (Terrorist) को विदेशी समर्थन प्राप्त था. पिछले हफ्ते प्रांत के नौशकी और पंजगुर इलाकों में बलूच विद्रोहियों द्वारा किए गए हमले के बाद हुई झड़पों में कम से कम नौ सैनिक और 20 आतंकवादी मारे गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने ली है. आपको बता दें कि अलगाववादी संगठन ने हाल ही में सुरक्षा बलों और प्रतिष्ठानों पर हमले तेज कर दिए हैं. सुरक्षा बलों ने दावा किया था कि लड़ाई के दौरान उन्होंने अफगानिस्तान और भारत में आतंकवादियों और उनके आकाओं के बीच संचार को बाधित कर दिया था.
विदेश मंत्रालय ने आतंकी हमलों में भारत के शामिल होने के पाकिस्तान के आरोपों को खारिज कर दिया है. मंत्रालय ने कहा है कि सबूत के तथाकथित दावे कल्पना की उपज है. MEA ने कहा था कि पाकिस्तान हताश है. इस्लामाबाद के आतंकी हमले को किसी और ने नहीं, बल्कि उसके अपने नेतृत्व ने स्वीकार किया है.
पीएम इमरान ने किया नौशकी का दौरा
प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के साथ मंगलवार को नौशकी का दौरा किया, जहां हमले में एक अधिकारी समेत चार जवान शहीद हो गए थे. खान ने सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि बलूचिस्तान में आतंकवादी हमलों में विदेशी फंडिंग शामिल है, लेकिन अराजकता फैलाने वालों को इससे कुछ नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान में आतंकवादी कभी कामयाब नहीं होंगे.
अर्धसैनिक बलों के वेतन में बढ़ोतरी
पीएम इमरान ने फ्रंटियर कॉर्प्स और रेंजर्स के अर्धसैनिक बलों के वेतन में 15 प्रतिशत की वृद्धि की भी घोषणा की है, जो बलूचिस्तान और पड़ोसी सिंध प्रांत में उग्रवाद से लड़ने और कानून व्यवस्था बनाए रखने में सबसे आगे हैं. खान ने यह भी कहा कि सरकार बलूचिस्तान के विकास के लिए परियोजनाएं चला रही है. उन्होंने कहा हम यहां इस हद तक विकास कार्य करेंगे कि कोई भी उन तत्वों की बात न सुनेगा, जो यहां के लोगों को सरकार और सशस्त्र बलों के खिलाफ भड़काते हैं. उन्होंने कहा कि 60 अरब अमेरिकी डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना का दूसरा चरण औद्योगीकरण और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने पर केंद्रित है, जिसका सीधा फायदा बलूचिस्तान को होगा. पाक पीएम ने स्थानीय आदिवासी बुजुर्गों से भी मुलाकात की.
जनरल बाजवा ने ली सैनिकों की तैयारियों की जानकारी
वहीं पाकिस्तानी सेना ने एक बयान में कहा कि जनरल बाजवा ने सैनिकों के साथ दिन बिताया और 2 फरवरी को हमले को नाकाम करने वालों से भी मुलाकात की है. उन्हें क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति के साथ-साथ सैनिकों की तैयारियों के बारे में भी जानकारी दी गई. 25-26 जनवरी की रात को भी प्रांत के केच जिले में एक सुरक्षा बलों के चेकपोस्ट पर आतंकवादी हमले में 10 सैनिक मारे गए थे.
बलूचिस्तान में लंबे समय से चल रहा हिंसक विद्रोह
ईरान और अफगानिस्तान की सीमा से लगे बलूचिस्तान में लंबे समय से हिंसक विद्रोह चल रहा है. बलूच विद्रोही समूहों ने पहले भी इस क्षेत्र में सीपीईसी परियोजनाओं को निशाना बनाकर कई हमले किए हैं. 28 जनवरी को डेरा बुगती के सुई इलाके में बम विस्फोटों में लेविस फोर्स के तीन जवान और बुगती आदिवासी नेता मारे गए थे. साथ ही आठ अन्य घायल हो गए थे.
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