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इसके चलते विमान सेवा को जारी रखना मुश्किल हो गया है। इसलिए सुरक्षा कारणों से काबुल के लिए वह अपनी सेवाएं रोक रही है।
समय बीतने के साथ ही पाकिस्तान और तालिबान के संबंधों में कड़वाहट आ रही है। अफगानिस्तान के लिए किसी अन्य देश की विमान सेवा न होने के कारण काबुल और इस्लामाबाद के बीच ही नियमित तौर पर विमानों का संचालन हो रहा है। इस बीच पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) ने मौके का फायदा उठाने की नीयत से कुछ ही दिनों में किराये में भारी बढ़ोतरी कर दी। तालिबान ने इस पर विरोध जताते हुए सेवा प्रतिबंधित करने की चेतावनी दी तो PIA ने दबाव बनाने के लिए काबुल की अपनी सेवा रोक दी। आइएएनएस के अनुसार पीआइए के स्टाफ के साथ काबुल में दुव्यर्वहार किया जाता था और एक बार उन्हें बंदूक की नोक पर घंटों रोके रखा गया।
तालिबान ने पीआइए ही नहीं अफगानिस्तान की काम एयर को भी अपना किराया कम करने के लिए कहा है। काम एयर भी काबुल और इस्लामाबाद के बीच अपनी सेवाएं देती है। अफगानिस्तान के नागरिक उड्डयन प्राधिकार के हवाले से खामा प्रेस ने बताया है कि दोनों कंपनियों को 15 अगस्त से पहले वाला किराया लेने के लिए कहा गया है। यात्रियों से अगर ज्यादा किराया वसूला गया तो कंपनियों पर जुर्माना लगाया जा सकता है और उनकी सेवाओं पर रोक लगाई जा सकती है। तालिबान प्रशासन की ओर से यह चेतावनी पीआइए द्वारा काबुल से इस्लामाबाद का टिकट 2,500 डालर (1,85,000 भारतीय रुपये) करने के बाद दी गई है, जो पूर्व के किराए से करीब आठ गुना ज्यादा है।
गुरुवार को अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को दबाव में लेने की नीयत से पीआइए ने काबुल एयरपोर्ट पर अधिकारियों-कर्मचारियों के असहयोग और खराब व्यवहार का हवाला देते हुए अपनी सेवाएं रोक दीं। पीआइए ने कहा है कि तालिबान के अधिकारी सेवा संचालन में अड़चन पैदा करते हैं। वे बार-बार नियम बदलते हैं। इसके चलते विमान सेवा को जारी रखना मुश्किल हो गया है। इसलिए सुरक्षा कारणों से काबुल के लिए वह अपनी सेवाएं रोक रही है।
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