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रूस और फिनलैंड में तनाव! अमेरिका की आंखों में झोंक रहा धूल, जानें- क्‍यों

Neha Dani
29 July 2022 8:16 AM GMT
रूस और फिनलैंड में तनाव! अमेरिका की आंखों में झोंक रहा धूल, जानें- क्‍यों
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ऐसे में फिनलैंड इनसे होने वाली अपनी कमाई को छोड़ना नहीं चाहता है।

फिनलैंड एक तरफ नाटो की सदस्‍यता लेने की तरफ आगे निकल चुका है वहीं दूसरी तरफ वो रूसी नागरिकों को धड़ल्‍ले से अपने यहां आने के लिए वीजा भी इश्‍यू कर रहा है। ये इसलिए बेहद खास है क्‍योंकि नार्डिक देशों में केवल फिनलैंड ही है जो रूसी नागरिकों को वीजा दे रहा है। इसके चलते रूसी नागरिक गर्मियों की छुट्टियां बिताने के लिए Nuijamaa सीमा को पार कर फिनलैंड पहुंच रहे हैं। यहां पर आने वालों रूसी पर्यटकों में से कई यूरोप में आगे भी जाना चाहते हैं।


रूस और फिनलैंड में तनाव

बता दें कि नाटो सदस्‍यता को लेकर रूस और फिनलैंड में काफी तनाव है। वहीं रूसी नागरिकों को वीजा देकर वो सामंजस्‍य बिठाने की कोशिश में भी लगा है। हालांकि फिनलैंड के लोगों को सरकार की ये दोहरी नीति रास नहीं आ रही है। फिनलैंड ने रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद नाटो की सदस्‍यता लेने की कवायद शुरू की थी। लेकिन रूसी पर्यटकों को वीजा देने से ये सवाल भी उठ रहा है कि वो ऐसा क्‍योंं कर रहा है।

रूसी नागरिकों का सबसे पसंदीदा पर्यटन स्‍थल रहा है फिनलैंड

यहां पर आने वाले सेंट पीट्सबर्ग के 37 वर्षीय Boris Surovtcev ने एएफपी को बताया कि वो लगातार 12 वर्षों से वहां पर जाता रहा है। उसने बताया कि फिनलैंड बेहद खूबसूरत देश है, खासतौर पर यहां के झीलें बेहद सुंदर हैं। प्राकृतिक रूप से सुंदर इस जगह पर छुट्टी बिताने का मजा ही कुछ और होता है। हालांकि इस बार रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते बोरिस समेत कई अन्‍य रूसी पर्यटकों को दिक्‍कत भी हो रही है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि यूरोपीय संघ ने रूस के विमानों के लिए अपना एयर स्‍पेस बंद कर दिया है। रूसी नागरिकों के लिए फिनलैंड इस लिहाज से भी काफी अहम है क्‍योंकि ये उनके लिए किसी ट्रांजिट रूट की तरह काम करता है। यहां से रूसी पर्यटक यूरोप के दूसरे देशों में जा सकते हैं।

रूसी पर्यटकों के आने से खुश नहीं फिनलैंडवासी

फिनलैंड के रूसी पर्यटकों को वीजा देने से नाराज स्‍थानीय नागरिक Kirsi Iljin का कहना है कि रूसी यहां पर मजे कर रहे हैं और यूक्रेन के लोग परेशानी झेल रहे हैं। वो लगातार रूस के हमलों को सह रहे हैं। रूस ने उनके मकानों, दुकानों, दफ्तरों, खेतों को तबाह कर दिया है। ये सही नहीं है कि रूसी पर्यटकों को इस तरह से कहीं भी जाने की छूट दी जाए। Kirsi Iljin ने कहा है कि फिनलैंड को रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों को मानना चाहिए। यदि वो ऐसा नहीं कर सकता है तो भी कम से उन पर कुछ तो पाबंदियां लगानी ही चाहिए।

रूसी पर्यटकों पर रोक लगाने की उठ रही मांग

रूसी पर्यटकों को वीजा देने के खिलाफ केवल यहां के स्‍थानीय लोग ही नहीं हैं बल्कि यहां की विपक्षी पार्टी के सदस्‍य भी ऐसी ही मांग कर रहे हैं। इनकी मांग है कि फिनलैंड को यूक्रेन के सम्‍मान के साथ खड़ा होना चाहिए और आगे आने वाले रूसी पर्यटकों को वीजा नहीं देना चाहिए। नेशनल कोलिशन पार्टी के सांसद जुका कोपरा का कहना है कि ये हालत बेहद निंदनीय और बर्दाश्‍त के बाहर है कि एक तरफ यूक्रेन रूस के हमलों से जल रहा है, आम आदमी, बच्‍चे, औरतें मर रही हैं और वहां के लोग यूरोपीय संघ में मजे से छुट्टी मना रहे हैं। उनका कहना है कि अन्‍य सदस्‍यों को भी पार्टी लाइन से आगे जाकर सरकार को ऐसा करने से रोकना चाहिए और रूस के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों को मानने पर जोर देना चाहिए।

विकल्‍पों को तलाश रहा विदेश मंत्रालय

सोशल डेमोक्रेट की सदस्‍य Aki Linden ने यहां तक कहा कि वो मानती हैं कि रूस पर और अधिक प्रतिबंध लगाए जाने की जरूरत है। हालांकि उन्‍होंने ये भी कहा कि ये विदेश मंत्रालय के दायरे में है। उन्‍होंने ये भी कहा कि 1 लाख रूसी पर्यटकों को वीजा देने से हालात और खराब हो जाएंगे। फिनलैंड के विदेश मंत्रालय ने इस बारे में कहा कि इसके विकल्‍पों को जांचा जा रहा है।

वीजा देने के पीछे ये है बड़ी वजह

गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते पूरी दुनिया की अर्थव्‍यवस्‍था पर बुरा असर पड़ा है। वहीं यूरोप कोरोना के अलावा मंकीपाक्‍स से भी जूझ रहा है। इसके अलावा रूस की गैस के संकट ने उन्‍हें अलग परेशान किया हुआ है। वहीं दूसरी तरफ यूरोप में ये समय टूरिस्‍ट के लिहाज से काफी अच्‍छा होता है। फिनलैंड की ही बात करें तो यहां पर हर साल लाखों रूसी टूरिस्‍ट आते हैं, जो यहां के लोगों की कमाई का जरिया भी बनते हैं। यहां पर आने वाले विदेशी टूरिस्‍ट में रूसी पर्यटकों की संख्‍या सबसे अधिक है। ऐसे में फिनलैंड इनसे होने वाली अपनी कमाई को छोड़ना नहीं चाहता है।

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