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सैन्य गतिरोध को लेकर भारत और चीन के बीच तनाव, व्यापार में इस साल 100 अरब डालर के पार

Neha Dani
14 Oct 2021 3:55 AM GMT
सैन्य गतिरोध को लेकर भारत और चीन के बीच तनाव, व्यापार में इस साल 100 अरब डालर के पार
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विशेष रूप से उभरते बाजारों और कम आय वाले विकासशील देशों के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था में इस तरह की दिक्कतें नुकसानदायक हैं।

सैन्य गतिरोध को लेकर भारत और चीन के बीच भले ही तनाव हो, लेकिन दोनों देशों के बीच व्यापार पर इसका असर नहीं दिखाई देता है। आकड़ों की बात करें तो भारत-चीन का व्यापार इस साल 100 अरब डालर के पार जा सकता है। चालू साल के पहले नौ महीने में यह 90 अरब डालर के आंकड़े को पहले ही पार कर चुका है।

बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार 2021 की पहली तीन तिमाहियों में चीन का कुल आयात और निर्यात क्रमश: 22.7 प्रतिशत बढ़कर 28,330 अरब युआन या 4,380 अरब डालर पर पहुंच गया। यह आंकड़ा महामारी से पहले की समान अवधि से 23.4 प्रतिशत अधिक है। भारत-चीन द्विपक्षीय व्यापार सितंबर के अंत तक 90.37 अरब डालर रहा। सालाना आधार पर इसमें 49.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। इस दौरान चीन का भारत को निर्यात 51.7 प्रतिशत बढ़कर 68.46 करोड़ डालर पर पहुंच गया। वहीं इस दौरान भारत का चीन को निर्यात 42.5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 21.91 अरब डालर रहा।
226 ट्रिलियन डालर हुआ वैश्विक कर्ज
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने बुधवार को कहा कि वैश्विक कर्ज 226 ट्रिलियन डालर के उच्चस्तर पर पहुंच गया है। भारत का कर्ज 2016 में उसके सकल घरेलू उत्पाद के 68.9 प्रतिशत से बढ़कर 2020 में 89.6 प्रतिशत हो गया है। इसके 2021 में 90.6 प्रतिशत और फिर 2022 में घटकर 88.8 प्रतिशत होने का अनुमान है। वहीं, 2026 में 85.2 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है।
वैश्विक ऋण की भरपाई के लिए चीन ने 90 प्रतिशत का योगदान दिया है जबकि शेष उभरती अर्थव्यवस्थाओं और कम आय वाले विकासशील देशों ने लगभग सात प्रतिशत का योगदान दिया। आइएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि राजकोषीय दृष्टिकोण के लिए जोखिम बढ़ गया है। टीके के उत्पादन और वितरण में वृद्धि, विशेष रूप से उभरते बाजारों और कम आय वाले विकासशील देशों के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था में इस तरह की दिक्कतें नुकसानदायक हैं।


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