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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के क्रिकेट मैच के बाद इंग्लैंड के लीस्टर में दो समुदायों के तनाव के बीच उग्रवादियों की भीड़ ने एक शिव मंदिर पर हमला करते हुए तोड़फोड़ और मंदिर के ऊपर लगे भगवा झंडे को भी नीचे गिरा दिया था. यूके में जहां एक तरफ महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन का शोक किया जा रहा है, वहां पर अचानक ऐसी नफरती घटना ने पूरे विश्व को हैरान कर दिया है. इसी बीच ब्रिटेन की मुस्लिम काउंसिल ने इस मामले में दक्षिणपंथी समूहों द्वारा मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने पर निंदा जताई है.
मुस्लिम काउंसिल के सेक्रेटरी जनरल जारा मोहम्मद ने कहा कि भारत के दक्षिणपंथी समूहों की ओर से जो एजेंडा फैलाया गया है, वह अब ब्रिटेन की सड़कों पर नजर आ रहा है. इसको लेकर कई समुदायों के लोग मेरे पास आकर पहले भी चिंता जता चुके हैं. इस एजेंडे से मुस्लिमों, सिखों और अन्य अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया है, जिस वजह से लीस्टर में दो समुदायों के बीच झगड़ा भड़क गया है.
जारा मोहम्मद ने आगे कहा कि हम नहीं मानते हैं कि ये लोग उस बड़े हिंदू समुदाय के विचारों को दर्शा रहे हैं, जिनके ब्रिटेन में ना सिर्फ मुस्लिम बल्कि सिख समेत अन्य लोगों के साथ भी अच्छे रिश्ते हैं और लीस्टर इसका एक ऐतिहासिक उदाहरण रहा है. जारा मोहम्मद ने आगे कहा कि हम किसी भी धार्मिक स्थल पर हमले की निंदा करते हैं, क्योंकि हमारे समाज में नफरत की कोई जगह नहीं है.
जारा मोहम्मद ने आगे कहा कि हमने सभी समुदायों को लीस्टर में शांति स्थापित करने के बातचीत के लिए बुलाया है. इनमें पुलिस और राजनेता भी शामिल हैं, जिससे वे स्थानीय मुद्दों को सुनें और हालात को ठीक करने पर काम करें. उन्होंने आगे कहा कि जैसे सालों से हम हमेशा एक रहे हैं, इसी तरह आगे भी रहना है और बाहर से आ रही नफरत की वजह से आपस में नहीं बंटना है.
मुस्लिम काउंसिल के बयान पर भारतीयों ने काफी नाराजगी जाहिर की है. सौरव दत्त नाम के एक यूजर ने ट्वीट कर काउंसिल की प्रेस रिलीज को शर्मनाक बताया है.
वहीं एक अन्य यूजर ने सौरव को रिप्लाई करते हुए कहा कि, क्योंकि दुनिया में हमसे ज्यादा इनकी जनसंख्या है, इसी वजह से ये हमें प्रताड़ित कर रहे हैं. लेकिन वो चाहे या ना चाहें, हिंदुत्व का उदय जरूर होगा.
वहीं एक यूजर सोनम महाजन न कटाक्ष करते हुए कहा कि हां, लीस्टर में इस्लामी हिंसा का भी आरएसएस ही जिम्मेदार है. सोनम ने आगे कहा कि सिर्फ लीस्टर ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में शिया और सुन्नियों के झगड़े, चाइना में मुसलमान और वामपंथियों, म्यांमार में मुस्लिम और बौद्ध, इजरायल में मुस्लिम और यहूदियों, ग्रीस, अर्मेनिया, तुर्की, फ्रांस और सुडान में मुस्लिम और ईसाई समुदाय के लोगों के झगड़े का भी जिम्मेदार आरएसएस ही है.
लंदन में भारतीय उच्चायुक्त ने हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की कड़ी निंदा की है. भारतीय उच्चायुक्त ने बयान देते हुए कहा कि इस हमले में जो भी शामिल हैं, उन्हें खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए.
सोमवार को बयान जारी करते हुए भारतीय उच्चायुक्त ने कहा कि हमने इस मामले को मजबूती के साथ यूके सरकार के सामने उठाया है और हमले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. साथ ही जिन लोगों पर इसका असर है, उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने के लिए कहा है.
मंदिर में तोड़फोड़ की घटना के बाद खासतौर पर शहर के पूर्वी हिस्से में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. पुलिस लगातार इलाकों में गश्त कर रही है. दूसरी ओर, तनाव में शामिल लोगों के खिलाफ भी पुलिस एक्शन ले रही है.
अभी तक पुलिस ने 47 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इसके अलावा भी हंगामा मचाने वाले लोगों की तलाश की जा रही है.
इस विवाद की शुरुआत 28 अगस्त को हुए भारत और पाकिस्तान के मैच के साथ हुई थी. भारत के मैच जीतने के बाद दो समुदायों की एक दूसरे पर टिप्पणियों से तनाव फैलना शुरू हो गया था. धीरे-धीरे तनाव बढ़ता गया, जिसके बाद शनिवार को एक समुदाय की भीड़ ने लीस्टर में शिव मंदिर पर हमला बोल दिया. मंदिर में तोड़फोड़ की गई और भगवा झंडे को नीचे गिरा दिया गया. हालांकि, यूके में दो समुदायों का यह पहला झगड़ा नहीं है.
दरअसल, यूके में काफी संख्या में मुस्लिम और हिंदू समुदायों के लोग रहते हैं, जिनमें अधिकतर भारत, पाकिस्तान या अन्य देशों के प्रवासी हैं. पहले भी यूके के कई हिस्सों से दो समुदायों के झगड़े की खबरें आती रही हैं. खासतौर पर भारत और पाकिस्तान जैसी स्थिति में तनाव की आशंका ज्यादा बनी रहती है.
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