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यूनिवर्सिटी पर टीचर ने लगाया था आरोप, अब मिले 1 करोड़ रुपए
jantaserishta.com
20 Jan 2022 5:33 AM GMT
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एक महिला लेक्चरर (Woman Lecturer) जिसे चिल्लाकर (Shouting teacher) पढ़ाने की आदत थी.
लंदन: एक महिला लेक्चरर (Woman Lecturer) जिसे चिल्लाकर (Shouting teacher) पढ़ाने की आदत थी, उसे यूनिवर्सिटी ने उसकी एक आदत के कारण निकाल दिया था. अब कोर्ट ने इस मामले में यूनिवर्सिटी को लताड़ लगाई है. महिला लेक्चरर को £100,000 (1 करोड़ रुपए) की जुर्माना राशि कोर्ट के फैसले बाद बतौर इनाम जीती है. वहीं महिला लेक्चरर का दावा है कि उसे नैचुरली ही चिल्लाकर पढ़ाने की आदत थी. यही कारण है कि उसे यूनिवर्सिटी ने 29 साल तक नौकरी के बाद अचानक निकाल दिया था. हालांकि यूनिवर्सिटी ने इन आरोपों को गलत बताया है.
'डेली स्टार' और 'द मिरर' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस महिला लेक्चरर का नाम डॉ एनेट प्लॉट (59) है. वह ब्रिटेन में मौजूद यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर (University of Exeter ) में फिजिक्स डिपार्टमेंट में पढ़ाती थीं. महिला लेक्चरर का आरोप है कि यूनिवर्सिटी ने उनको इसलिए निकाल दिया क्योंकि वह चिल्लाकर पढ़ातीं थीं. उनकी आवाज सुनने में असहनीय थी. वहीं यूनिवर्सिटी ने अपने बचाव में कहा कि ऐसा कुछ नहीं है. बल्कि उन्होंने पीएचडी के दो छात्रों के साथ जो व्यवहार किया, उस कारण उनको हटाया गया. इससे उनके बैकग्राउंड और महिला होने का कोई मतलब नहीं हैं.
यूनिवर्सिटी ने कहा वह तनाव से निपटने के लिए दवाइयां ले रही थीं. साथ ही संस्थान को लेकर वह पक्षपाती थीं. 17 जनवरी को इस मामले में जब कोर्ट का फैसला आया और उन्हें 1 करोड़ रुपए बतौर इनाम देने का आदेश सुनाया.
इस पर डॉ एनेट प्लॉट ने कहा कि, ' मेरी आवाज नैचुरली ही बहुत तेज है, ऐसे में मुझे ये पता नहीं चलता कि मैं कब तेज बोल रही हूं. मेरे परिवार में इस तरह बोलना नॉर्मल ही माना जाता है. मैं न्यूयॉर्क और जर्मनी में भी रही, लेकिन कभी भी किसी ने मेरी आवाज को लेकर कुछ नहीं कहा.' डॉ एनेट ने कहा उन्हें इसलिए ही निकाला गया क्योंकि वह चिल्लाकर पढ़ातीं थी.
यूनिवर्सिटी ने बताया फैसले को गलत
वैसे एनेट प्लॉट को यूनिवर्सिटी ने हटाने से पहले दो बार सस्पेंड भी किया था. यूनिवर्सिटी ने अपने बचाव में कहा कि उन्हें अपने सहकर्मियों और स्टूडेंटस के सामने बोलना नहीं आता है. इस घटना के बाद उन्होंने खुद को अपमानित महसूस किया वह एकांत में रहने लगी. उन्होंने कहा कि वह हर हाल में अपनी नौकरी वापस चाहती थीं. इसके बाद उन्होंने इस मामले में कोर्ट में अपील की. वहीं यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर के प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले में कुछ गलतियां हुई हैं, वह इस फैसले को लेकर फिर से अपील करेंगे.
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