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तमिल नेताओं ने मोदी को लिखा पत्र, 13वें संशोधन को लागू कराने की मांग

Subhi
20 Jan 2022 1:15 AM GMT
तमिल नेताओं ने मोदी को लिखा पत्र, 13वें संशोधन को लागू कराने की मांग
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श्रीलंका के उत्तरी प्रांत के प्रमुख तमिल जनप्रतिनिधियों ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर वर्षों से लंबित तमिल मुद्दों के दीर्घकालिक राजनीतिक समाधान तथा विवादास्पद 13वें संशोधन के क्रियान्वयन में भारतीय दखल का अनुरोध किया है।

श्रीलंका के उत्तरी प्रांत के प्रमुख तमिल जनप्रतिनिधियों ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर वर्षों से लंबित तमिल मुद्दों के दीर्घकालिक राजनीतिक समाधान तथा विवादास्पद 13वें संशोधन के क्रियान्वयन में भारतीय दखल का अनुरोध किया है। 1987 में तत्कालीन श्रीलंकाई राष्ट्रपति जेआर जयवर्धने और भारतीय पीएम राजीव गांधी के बीच हुए समझौते के चलते 13वां संशोधन सामने आया था।

इस संशोधन में श्रीलंका में तमिल समुदाय को अधिकार सौंपने के प्रावधान हैं। भारत ने 13वें संशोधन का पूरी तरह क्रियान्वयन करने, प्रांतीय परिषद चुनाव जल्द कराने और सुलह प्रक्रिया पूरी कर श्रीलंकाई तमिल समुदाय के अधिकारों के संरक्षण के लिए लगातार अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। हालांकि, सत्तारूढ़ श्रीलंका पीपुल्स पार्टी के सिंहला बहुसंख्यक प्रांतीय परिषद प्रणाली को पूरी तरह खत्म करने के पक्ष में हैं। वरिष्ठ तमिल नेता आर. संपन्तन के नेतृत्व में जनप्रतिनिधियों का एक शिष्टमंडल यहां भारतीय उच्चायुक्त गोपाल बागले से मिला और पीएम मोदी के नाम उन्हें पत्र सौंपा। टीएनए के साथ दो अन्य समूह भी इसमें शामिल हुए जिनमें तमिल बहुल उत्तरी प्रांत के पूर्व मुख्यमंत्री सीवी विग्नेश्वरन भी शामिल थे। टीएनए नेता एमए सुमंतिरन ने कहा, तमिलों के सवाल पर कई वादे किए गए हैं। हमारा आग्रह इन्हें पूरा करने का है।

भारत से दिए कर्ज के बीच अहम है पत्र

यह पत्र ऐसे समय में महत्वपूर्ण माना जा रहा है जब करीब एक सप्ताह पूर्व भारत ने श्रीलंका में आवश्यक वस्तुओं की कमी के बीच खाद्य आयात के लिए 90 करोड़ डॉलर का कर्ज देने की घोषणा की थी। श्रीलंका के जनप्रतिनिधियों के लिए पत्र में भारतीय तथा श्रीलंकाई नेताओं द्वारा अतीत में किए अनेक वादों की याद दिलाई गई है जिनमें 13वें संशोधन पर काम करने की बात कही गई थी। प्रधानमंत्री मोदी से अनुरोध किया गया है कि एक अविभाजित राष्ट्र की रूपरेखा के तहत आत्म-निर्धारण के अधिकारों के साथ तमिलों का उनके क्षेत्रों में गरिमा, आत्म-सम्मान, शांति एवं सुरक्षा से रहना सुनिश्चित किया जाए।


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