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बाइडन और चिनफिंग के बीच फोन पर हुई बात, कोविड की उत्पत्ति को लेकर जांच समेत कई मुद्दों पर हुई चर्चा

Neha Dani
11 Sep 2021 2:26 AM GMT
बाइडन और चिनफिंग के बीच फोन पर हुई बात, कोविड की उत्पत्ति को लेकर जांच समेत कई मुद्दों पर हुई चर्चा
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इस प्रक्रिया में दोनों देशों को एक--दूसरे के मतभेदों का भी सम्मान बनाए रखना चाहिए।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से सात महीने में पहली बार फोन पर बात की। यह बातचीत नब्बे मिनट तक चली। इस बातचीत के दौरान तमाम मुद्दे उठाए गए जिसमें से एक कोरोना वायरस की उत्पत्ति मामले में जांच पर भी चर्चा की गई। व्हाइट हाउस ने कहा, ' बाइडन ने चिनफिंग को यह संदेश दिया कि विश्व की दो बड़ी अर्थ व्यवस्थाएं रहते हुए दोनों देश प्रतिस्पर्धी रहें, मगर भविष्य में ऐसी कोई स्थिति न हो जहां दोनों देशों के बीच संघषर्ष के हालात हो जाएं। बाइडन के पदभार संभालने के बाद से दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत ऐसे समय में हुई है जब दोनों देशों के बीच कड़वाहट बरकरार है।

चीन की ओर से किए जा रहे साइबर सुरक्षा उल्लंघन, कोरोनो वायरस महामारी से निपटने के तरीके से अमेरिका नाराज है। हाल ही में व्हाइट हाउस ने चीनी व्यापार नियमों को 'जबरदस्ती और अनुचित' बताया था। हालांकि बाइडन की बातचीत का केंद्र तल्ख मुद्दों पर नहीं था। इसके बजाय उनके कार्यकाल में निश्चित रूप से एक मजबूत शुरुआत के लिए अमेरिका--चीन संबंधों के लिए आगे के रास्ते पर चर्चा करने पर केंद्रित था।
व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा, 'दोनों नेताओं के बीच एक व्यापक, रणनीतिक चर्चा हुई जिसमें उन्होंने उन क्षेत्रों पर चर्चा की जहां हमारे हित मिलते हैं, और उन क्षेत्रों पर जहां हमारे हित, मूल्य और दृष्टिकोण भिन्न होते हैं।' अमेरिकी सरकार को उम्मीद है कि बढ़ते मतभेदों के बावजूद दोनों पक्ष जलवायु परिवर्तन और कोरियाई प्रायद्वीप पर परमाणु संकट को रोकने सहित आपसी सरोकार के मुद्दों पर मिलकर काम कर सकते हैं।
वहीं, एएनआइ के मुताबिक शी चिनफिंग ने फोन पर कहा कि अगर दोनों देश एक--दूसरे से ऐसे ही उलझते रहेंगे तो इससे समूचे विश्व को नुकसान होगा। लेकिन अगर दोनों देश साथ मिलकर काम करेंगे तो इससे विश्व का भी भला होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के आमंत्रण पर चिनफिंग ने खुशी जताई और कहा कि दोनों पक्षों को पर्यावरण परिवर्तन, महामारी से बचाव और विश्व के आर्थिक क्षति से उबरने की प्रक्रिया पर विचार करना चाहिए। इस प्रक्रिया में दोनों देशों को एक--दूसरे के मतभेदों का भी सम्मान बनाए रखना चाहिए।

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