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अफगानिस्तान (Afghanistan) में 20 साल बाद फिर से तालिबान (Taliban) का कब्जा हो गया है. 15 अगस्त को तालिबान ने काबुल (Kabul) पर कब्जा कर लिया था. जिसके बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) देश छोड़कर चले गए थे. आम लोग भी किसी भी कीमत पर अफगानिस्तान छोड़ने की कोशिश में लगे हैं. अब तक हजारों लोग देश छोड़ भी चुके हैं, लेकिन अब तालिबान की ओर चेतावनी दी गई है कि अब वो किसी अफगानी (Afghani) को देश छोड़ने की इजाजत नहीं देगा.
तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद (Zabiullah Mujahid) ने मंगलवार को मीडिया से कहा कि अब किसी भी अफगानी को देश छोड़ने की इजाजत नहीं होगी. हालांकि, विदेशी नागरिक अपने देश लौट सकते हैं. अमेरिकी न्यूज चैनल CNN को मुजाहिद ने बताया, 'एयरपोर्ट जाने वाली सड़क को ब्लॉक कर दिया गया है. अफगानी उस सड़क से एयरपोर्ट नहीं जा सकते, लेकिन विदेशी नागरिकों को एयरपोर्ट जाने की इजाजत होगी.'
जबीउल्लाह ने कहा कि बीते दिनों में जितने भी अफगानी नागरिकों ने देश छोड़ा है, उन्हें वापस अपने देश लौटना चाहिए. तालिबान ने कहा, 'हम अब अफगानों को देश छोड़ने नहीं देंगे और हम इससे खुश भी नहीं हैं. अफगानिस्तान के डॉक्टरों और शिक्षाविदों को देश नहीं छोड़ना चाहिए और उन्हें अपने देश में ही काम करना चाहिए.'
तालिबान के सत्ता संभालने के बाद से अब तक हजारों लोग अफगानिस्तान छोड़ चुके हैं. इनमें ज्यादातर महिलाएं हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने बताया कि 14 अगस्त से अब तक 70 हजार से ज्यादा लोगों को काबुल से निकाला जा चुका है. इनमें अमेरिकी नागरिक, नाटो के कर्मी और जोखिम में पड़े अफगान नागरिक शामिल हैं.
तालिबान के इस बयान पर व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी जेन साकी ने CNN को बताया कि इससे उन अफगानियों पर असर नहीं पड़ेगा, जिन्हें अमेरिका ने प्राथमिकता दी है. उन्होंने बताया कि इस बारे में तालिबान को भी बता दिया गया है और कहा गया है कि ऐसे लोगों को एयरपोर्ट पहुंचने दे.
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