विश्व

जर्मनी के राजदूत से तालिबान के 'विदेश मंत्री' ने की भेट, इन मुद्दों पर हुई चर्चा

Gulabi
3 Sep 2021 12:09 PM GMT
जर्मनी के राजदूत से तालिबान के विदेश मंत्री ने की भेट, इन मुद्दों पर हुई चर्चा
x
काबुल एयरपोर्ट को फिर से खोलने और अफगानिस्तान को मिलने वाली जर्मनी की मानवीय सहायता जारी रखने को लेकर चर्चा की

तालिबान (Taliban) के राजनीतिक कार्यालय के उप प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास स्टानिकजई (Sher Mohammad Abbas Stanekzai) ने शुक्रवार को अफगानिस्तान (Afghanistan) में जर्मनी के राजदूत मार्क्स पुतजेल (Marx Putzel) से मुलाकात की. स्टानिकजई को तालिबान अपना 'विदेश मंत्री' बना सकता है. टोलो न्यूज की रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई. टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, स्टानिकजई और पुतजेल ने अफगानिस्तान की स्थिति, काबुल एयरपोर्ट (Kabul Airport) को फिर से खोलने और अफगानिस्तान को मिलने वाली जर्मनी की मानवीय सहायता जारी रखने को लेकर चर्चा की.

तालिबान के वरिष्ठ नेता ने गुरुवार को कतर (Qatar) में तुर्की (Turkey) के राजदूत मुस्तफा गोकसू (Mustafa Goksu) से भी मुलाकात की. चरमपंथी संगठन के प्रवक्ता मोहम्मद नईम के अनुसार, कतर में तुर्की के राजदूत गोकसू ने वादा किया था कि तुर्की अफगानिस्तान के साथ अपने संबंधों और सहयोग को जारी रखेगा. इस महीने की शुरुआत में तालिबान द्वारा युद्धग्रस्त मुल्क पर कब्जा करने के बाद से अफगानिस्तान में स्थिति बिगड़ती जा रही है. 15 अगस्त को राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) के देश छोड़ने के तुरंत बाद अफगान सरकार गिर गई.
मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के हाथों में होगी सरकार की कमान
वहीं, तालिबान का सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर (Mullah Abdul Ghani Baradar) नई सरकार का नेतृत्व कर सकता है. इस्लामिक ग्रुप में मौजूद सूत्रों ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी रॉयटर्स को इसकी जानकारी दी. मुल्ला बरादर तालिबान के राजनीतिक कार्यालय का प्रमुख भी है. सूत्रों ने बताया कि तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला मोहम्मद याकूब और शेर मोहम्मद अब्बास स्टानिकजई को भी सरकार में वरिष्ठ पद मिल सकता है.मुल्ला बरादर को दक्षिणी पाकिस्तानी शहर कराची में सुरक्षा बलों ने 2010 में गिरफ्तार किया था और उसे 2018 में रिहा किया गया.
अफगानिस्तान में अपना कामकाज बहाल करेगी वेस्टर्न यूनियन
वहीं, तालिबान दुनियाभर के देशों से इसकी सरकार को मान्यता देने की गुहार लगाने में जुटा हुआ है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसके जरिए अफगानिस्तान में एक बार फिर मानवीय सहायता मिलने लगेगी. हालांकि, अभी तक कोई भी मुल्क आधिकारिक रूप से तालिबान सरकार को मान्यता देने के लिए आगे नहीं आया है. इसी बीच तालिबान ने कहा है कि वेस्टर्न यूनियन अफगानिस्तान में अपना कामकाज फिर से शुरू करेगी. इससे नकदी की कमी का सामना कर रहे देश में विदेशी धन के प्रवाह का एक दुर्लभ माध्यम खुल जाएगा. समूह के सांस्कृतिक आयोग के प्रवक्ता अहमदुल्ला मुत्ताकी ने शुक्रवार को इस फैसले की घोषणा की.
Next Story