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तालिबान का संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से दुनिया को संबोधित करने का सपना टूट गया है।
तालिबान का संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच से दुनिया को संबोधित करने का सपना टूट गया है। वैश्विक निकाय में अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व अपदस्थ अशरफ गनी सरकार में नियुक्त हुए राजदूत गुलाम इसाकजाई द्वारा करना ही तय माना जा रहा है।
गौरतलब है कि तालिबान ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस को चिट्ठी लिखकर यूएन में अपने नए स्थायी दूत मोहम्मद सुहैल शाहीन का एलान किया था। उसके विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने 15 अगस्त के बाद हुए घटनाक्रम का जिक्र करते हुए लिखा था, इसाकजाई अब उनकी सरकार के प्रतिनिधि नहीं हैं इसलिए उनकी जगह शाहीन को बोलने का मौका दिया जाए।
इस पर पसोपेश में फंसे संयुक्त राष्ट्र ने यह मामला नौ सदस्यीय क्रेडेंशियल समिति को भेज दिया था। लेकिन समिति की बैठक आमतौर पर नवबंर में होती हैं और इसका अभी कोई निर्धारित कार्यक्रम नहीं हैं। लिहाजा, इस दफा तालिबान के बोलने को लेकर कोई भी निर्णय हो पाना बहुत मुश्किल है। इसके चलते यूएन ने फिलहाल मान्यता प्राप्त गुलाम इसाकजई को अफगान वक्ता के रूप में सूचीबद्ध कर रखा है।
संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने बताया कि गनी सरकार के समय से नियुक्त इसाकजई ही अफगानिस्तान की ओर से वक्ता रहेंगे। वह 27 सितंबर को बैठक के अंतिम दिन यूएन महासभा को संबोधित करेंगे।
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