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'तालिबान अफगानिस्तान में बनाएगा 'केयरटेकर' सरकार', शूरा सदस्य का दावा

Neha Dani
29 Aug 2021 6:09 AM GMT
तालिबान अफगानिस्तान में बनाएगा केयरटेकर सरकार, शूरा सदस्य का दावा
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वे अब काफी हद तक खाली थे.

अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी में सिर्फ 2 दिन बचे हैं, ऐसे में तालिबान देश में सरकार गठन करने की कवायद में जुटा हुआ है. पाकिस्तान मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तालिबान के एक सदस्य ने कहा कि संगठन अफगानिस्तान में एक 'समावेशी' कार्यवाहक सरकार बनाने का निर्णय लिया है. अमेरिका ने अफगानिस्तान में 20 साल की मौजूदगी के बाद 31 अगस्त तक अपने सभी सैनिक वापस बुलाने की घोषणा की थी और तालिबान ने इससे दो सप्ताह पहले 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था.

द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान शुरा (सलाहकार समिति) के एक सदस्य ने कहा कि सभी अफगान समुदायों और जनजातीय ग्रुप से आने वाले तालिबान कमांडर्स और नेताओं को जोड़कर एक समावेशी कार्यवाहक सरकार बनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि वर्तमान में नई सरकार में अधिकारियों की नियुक्त के तौर पर एक दर्जन नामों पर विचार किया जा रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार, नई सरकार में शुरुआती नियुक्तियां न्यायिक मामलों, आंतरिक सुरक्षा, रक्षा, विदेश, वित्त, सूचना और काबुल के मामलों पर विशेष विभाग जैसे मंत्रालयों में होगी. उन्होंने आगे बताया कि तालिबान का सहसंस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर अभी काबुल में मौजूद है, वहीं तालिबान के सैन्य मामलों का प्रमुख मुल्ला मोहम्मद याकूब सरकार गठन पर बातचीत के लिए कंधार से काबुल के लिए रवाना हो चुका है.
तालिबान ने एयरपोर्ट पर नियंत्रण का किया दावा
शनिवार को तालिबान ने कहा कि उसने काबुल एयरपोर्ट के तीन गेट का नियंत्रण अपने पास रख लिया है. प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि तालिबान बलों ने एयरपोर्ट के भीतर कुछ हिस्सों पर कब्जा कर लिया है और वह शांतिपूर्वक नियंत्रण करने के लिए तैयार हैं क्योंकि अमेरिकी सेना बाहर निकल रही है. वहीं तालिबान के दावों को खारिज करते हुए पेंटागन (अमेरिकी रक्षा मुख्यालय) ने कहा कि अमेरिकी सैनिकों की संख्या काबुल एयरपोर्ट से घट रही है, लेकिन उसके पास अब भी एयरपोर्ट और सिक्यॉरिटी का नियंत्रण है.
कई अफगान नागरिक से देश बाहर निकलने की उम्मीद लगाए हुए हैं और उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के अधिकतर देश अफगानिस्तान में दो दशकों के बाद अपने सैनिकों को निकालकर ले गए है. अमेरिका ने 15 अगस्त को तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के बाद से 1 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित रूप से निकाला है और उसे उम्मीद है कि मंगलवार की समय सीमा तक वह अपने सभी लोगों को वहां से निकाल ले.
ब्रिटेन ने अपने आखिरी बचे सैनिकों को काबुल से निकाला
ब्रिटेन भी अपने आखिरी बचे सैनिकों को लेकर काबुल एयरपोर्ट से निकल चुका है. अफगानिस्तान में ब्रिटेन के राजदूत लॉरी ब्रिस्टो ने काबुल हवाई अड्डे से एक वीडियो में कहा, ''अब अभियान के इस चरण को बंद करने का समय आ गया है. लेकिन हम उन लोगों को नहीं भूले हैं जो अभी भी देश छोड़ना चाहते हैं. हम उनकी मदद करने के लिए हर संभव कोशिश करना जारी रखेंगे." वहीं फ्रांस ने अफगानिस्तान से लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का अभियान शुक्रवार को समाप्त कर दिया और काबुल एयरपोर्ट पर बनाए गए अपने अस्थाई दूतावास को भी बंद कर दिया.
तालिबान ने दो दिन पहले एक आत्मघाती हमले के बाद बड़ी संख्या में लोगों को इकट्ठा होने से रोकने के लिए शनिवार को काबुल एयरपोर्ट के आसपास अतिरिक्त बलों को तैनात किया. तालिबान ने एयरपोर्ट की ओर जाने वाली सड़कों पर अतिरिक्त जांच चौकियां बनाई है जिनमें तालिबान के वर्दीधारी लड़ाके तैनात हैं. तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा जमाने के बाद देश से भागने की उम्मीद में पिछले दो हफ्तों में जिन इलाकों में लोगों की बड़ी भीड़ एकत्र हुई थी, वे अब काफी हद तक खाली थे.


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