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पाकिस्तानी सेना की मदद से सत्ता में आए तालिबानी आतंकी, अब खुद उसी के लिए भस्मासुर बने
Rounak Dey
8 Feb 2022 6:26 AM GMT
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यह सुनिश्चित करे कि इस तरह के हमले न हों।
पाकिस्तानी सेना की मदद से सत्ता में आए तालिबानी आतंकी अब खुद उसी के लिए भस्मासुर बन गए हैं। पाकिस्तानी सेना ने पहली बार खुलकर आरोप लगाया था कि तालिबान के शासन वाले अफगानिस्तान से आए आतंकियों ने उसके 5 सैनिकों की हत्या कर दी। अब तालिबान ने इस पर पलटवार किया है और कहा कि हमारी जमीन से कोई हमला नहीं हुआ है। इस हमले की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान ने ली है।
तालिबान ने पाकिस्तानी सेना के इस दावे को खारिज किया है और कहा है कि अफगानिस्तान की जमीन से फायरिंग नहीं हुई थी। तालिबान के उप प्रवक्ता ने कहा, 'हम अन्य देशों खासतौर पर हमारे पड़ोसी देश को आश्वासन देना चाहते हैं कि किसी को भी अफगान जमीन को उनके खिलाफ इस्तेमाल नहीं होने दिया जाएगा।' इससे पहले तालिबान ने ही टीटीपी और पाकिस्तानी सेना के बीच बातचीत को शुरू कराया था लेकिन दिसंबर में यह बातचीत फेल हो गई थी।
तालिबान सरकार को लेकर पाकिस्तानी सेना का धैर्य जवाब दे रहा
इसके बाद टीटीपी ने पाकिस्तानी सेना पर हमले तेज कर दिए हैं। इससे जनरल कमर जावेद बाजवा और उसके पालतू तालिबान के बीच संबंध बेहद खराब होते दिख रहे हैं। पाकिस्तानी सेना ने पहली बार अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल अपने सैनिकों पर हमले के लिए इस्तेमाल किए जाने की सार्वजनिक रूप से निंदा की है। पाकिस्तानी सेना ने तालिबान के खिलाफ यह ताजा बयान ऐसे समय पर दिया है जब अफगान सीमा से घुसे टीटीपी आतंकियों ने रविवार को 5 सैनिकों की निर्मम तरीके से हत्या कर दी।
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक इस हमले के बाद अब अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को लेकर पाकिस्तानी सेना का धैर्य जवाब दे रहा है। पाकिस्तानी सेना ने एक बयान जारी करके कहा, 'अफगानिस्तान से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करके आए आतंकियों ने कुर्रम जिले में पाकिस्तानी सैनिकों पर हमला कर दिया।' पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि उसने मुंहतोड़ जवाब दिया जिसमें आतंकियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
पहली बार पाकिस्तान ने 'तालिबानी' अफगानिस्तान की निंदा की
पाकिस्तानी सेना ने अपने बयान में कहा कि वह अफगान जमीन का इस्तेमाल पाकिस्तान के अंदर आतंकी गतिविधि चलाने की कड़ी निंदा करता है। उसने कहा कि अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार से अपेक्षा करते हैं कि वह भविष्य में पाकिस्तान के खिलाफ नहीं होने देगी। ऐसा पहली बार है, जब पाकिस्तान ने आधिकारिक रूप से तालिबान के शासन वाली अफगान जमीन के इस्तेमाल की निंदा की है। इससे पहले जब तालिबानियों ने सीमा पर बाड़ लगाने से रोका था तब पाकिस्तानी सेना ने इसे 'स्थानीय समस्या' करार दिया था।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा लगता है कि तालिबान की अंतरिम सरकार को लेकर पाकिस्तान का सब्र जवाब दे रहा है। वह भी तब जब तालिबान बार-बार यह वादा कर रहा है कि अफगान जमीन का इस्तेमाल पाकिस्तान में आतंकी गतिविधि फैलाने के लिए नहीं करने दिया जाएगा। पाकिस्तान के बड़बोले गृहमंत्री शेख रशीद ने इन हमलों के बाद कहा कि तालिबान अपने वादों को पूरा करे और यह सुनिश्चित करे कि इस तरह के हमले न हों।
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