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अफगानिस्तान के पक्तिया में तालिबानियों ने एक संगीतकार के सामने ही म्यूजिकल इंस्टर्मेंट्स में आग दी लगा

Neha Dani
16 Jan 2022 9:19 AM GMT
अफगानिस्तान के पक्तिया में तालिबानियों ने एक संगीतकार के सामने ही म्यूजिकल इंस्टर्मेंट्स में आग दी लगा
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आतंकवादी समूह के शासन के तहत अफगान महिलाओं को अनिश्चित भविष्य का सामना करना पड़ सकता है।

अफगानिस्तान के पक्तिया में तालिबानियों ने एक संगीतकार के सामने ही उसके म्यूजिकल इंस्टर्मेंट्स में आग लगा दी। इसका एक वीडियो सामने आया है, जिसमें संगीतकार अपने म्यूजिकल इंस्टर्मेंट्स को जलते हुए देखकर रोते हुए नजर आ रहा है। अफगानिस्तान के एक वरिष्ठ पत्रकार अब्दुलहक ओमेरी द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में यह भी देखा गया है कि बंदूक वाला एक व्यक्ति संगीतकार पर हंस रहा था, जबकि दूसरा उसकी 'दयनीय स्थिति' का वीडियो बना रहा था

ओमेरी ने एक ट्वीट में कहा, संगीतकार के म्यूजिकल इंस्टर्मेंट्स को जलाते हुए तालिबानी, जिस पर संगीतकार रो रहा है। यह घटना पाक्तिया प्रांत के जजाई अरब जिले में हुई है। बता दें कि अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद से अब तक तालिबान कई चीजों पर प्रतिबंध लगा चुका है। अक्टूबर में एक होटल के मालिक ने न्यूज एजेंसी स्पुतनिक को बताया था कि समूह ने शादियों में लाइव संगीत पर प्रतिबंध लगा दिया था और पुरुषों और महिलाओं को अलग-अलग हाल में जश्न मनाने का आदेश दिया था।
अफगान मीडिया के हवाले से स्पुतनिक न्यूज एजेंसी ने बताया कि तालिबान ने अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में कपड़ों की दुकानों में पुतलों (डमी) के सिर काटने का भी आदेश दिया है। तालिबान का कहना है कि यह शरिया कानून का उल्लंघन है। इस तरह की घटनाओं के निशान काबुल की सड़कों पर फिर से दिखने लगे हैं।
तालिबान के सद्गुण संवर्धन और वाइस आफ प्रिवेंशन के मंत्रालय ने भी धार्मिक दिशानिर्देश जारी किए थे, जिसमें अफगानिस्तान के टीवी चैनलों, नाटकों और सोप ओपेरा में महिलाओं को दिखाना बंद करने का आह्वान किया गया था। डान न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि समूह ने कहा था कि इन नए दिशानिर्देशों को लागू नहीं किया जा सकता है, लेकिन इतिहास ने दिखाया है कि समूह देश में कट्टरपंथी शरिया कानून के अपने संस्करण को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। जैसा कि तालिबान ने 20 वर्षों के बाद एक बार फिर अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया है, ऐसे में विशेषज्ञों का मानना ​​​​है कि आतंकवादी समूह के शासन के तहत अफगान महिलाओं को अनिश्चित भविष्य का सामना करना पड़ सकता है।
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