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तालिबान ने कहा की अफगान हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल से बच रहे अंतरराष्ट्रीय विमान, हवाई क्षेत्र को सुरक्षित नहीं मानतीं विमानन कंपनियां

Khushboo Dhruw
5 Jan 2022 5:24 PM GMT
तालिबान ने कहा की अफगान हवाई क्षेत्र के इस्तेमाल से बच रहे अंतरराष्ट्रीय विमान, हवाई क्षेत्र को सुरक्षित नहीं मानतीं विमानन कंपनियां
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तालिबान ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय विमान अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने से बच रहे हैं। हाल के महीनों में इसमें 80 प्रतिशत की कमी आई है।

तालिबान ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय विमान अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने से बच रहे हैं। हाल के महीनों में इसमें 80 प्रतिशत की कमी आई है। इसका असर अफगान सरकार की आय पर भी पड़ा है। देश के हवाई क्षेत्र से गुजरने वाले प्रत्येक विदेशी विमान से सरकार को 700 डालर की आय होती है। दूसरी तरफ, पूर्व परिवहन व नागर विमानन मंत्री इमामुद्दीन वरिमाच ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय विमानन कंपनियां अफगानिस्तान के हवाई क्षेत्र को सुरक्षित नहीं मानतीं, इसलिए इस्तेमाल से परहेज करती हैं।

अफगानिस्तान के परिवहन और नागर विमानन मंत्रालय में उपनिदेशक गुलाम जैलानी वफा ने कहा कि फिलहाल 24 घंटे में 60-70 विमान अफगान हवाई क्षेत्र से गुजरते हैं। देश के हवाईअड्डों का तकनीकी प्रबंधन विदेशी कंपनी के पास है। इससे विमानों के लिए अफगान हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल महंगा पड़ता है। तालिबान सरकार विदेशी कंपनी से संवाद कर रही है कि देश के हवाईअड्डों का तकनीकी प्रबंधन अफगानिस्तान सरकार को सौंपा जाए। इसके बाद हम अच्छी और किफायती सेवाएं देंगे।
दरअसल तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान बेहद खराब स्थिति से गुजर रहा है। अफगानिस्‍तान के लोग भयावह आर्थिक बदहाली से गुजर रहे हैं। आलम यह है कि पैसों के मोहताज लोग रोटी के लिए अपनी संतान तक को बेचने के लिए मजबूर हो रहे हैं। प्रवासन के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठन (IOM) ने बड़ी संख्या में विस्थापित हो चुके अफगान लोगों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
वहीं समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जे के बाद तालिबान भले ही अपनी सरकार को अंतरराष्ट्रीय मान्यता दिलाने के लिए गुहार लगाता फिर रहा है लेकिन उसकी कार्यशैली और रणनीति पहले ही जैसी है। तालिबान ने पूर्व के शासन की तरह इस बार भी अपनी सेना में विशेष आत्मघाती बटालियन के गठन का एलान किया है।
खामा प्रेस के अनुसार, कार्यवाहक सरकार के सूचना एवं संस्कृति उप मंत्री तथा तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने कहा कि आत्मघाती बटालियन विशेष बल का हिस्सा होगी और रक्षा मंत्रालय के अधीन काम करेगी। इसका इस्तेमाल विशेष अभियानों के दौरान किया जाएगा। तालिबानी सेना में महिलाओं की मौजूदगी के सवाल पर मुजाहिद ने कहा कि जरूरत के अनुरूप उनकी नियुक्ति की जाएगी।
पूर्व की अफगानी सेना के विशेषज्ञों को भी तालिबानी सेना में मौका दिया जाएगा। इससे पहले अफगानी रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि सैनिकों की क्षमता एक लाख करने का प्रयास जारी है। ये सैनिक असलाहों से लैस होंगे। बताया जाता है कि ताजिकिस्तान से लगती अफगानिस्तान की उत्तरी सीमा पर आत्मघाती हमलावरों को तैनात किया गया है, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। तालिबान ने पिछले दो दशकों में अमेरिकी व अफगानी सेना के खिलाफ आत्मघाती हमलावरों का बहुतायत इस्तेमाल किया है।


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