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अफगानिस्तान के बगराम एयरफील्ड में विदेशी सैनिकों की मौजूदगी को तालिबान ने किया खारिज

Neha Dani
4 Oct 2021 3:20 AM GMT
अफगानिस्तान के बगराम एयरफील्ड में विदेशी सैनिकों की मौजूदगी को तालिबान ने किया खारिज
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जो शायद अफगानिस्तान में 20 साल की अमेरिकी सैन्य उपस्थिति का सबसे प्रमुख प्रतीक है।

अफगानिस्तान के बगराम एयरफील्ड में विदेशी सैनिकों की मौजूदगी की खबर मिली है। इस बीच तालिबान ने ऐसी सभी रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान ने अफगानिस्तान के बगराम एयरफील्ड में विदेशी सैनिकों की मौजूदगी की खबरों का खंडन किया है। TOLOnews के अनुसार, सांस्कृतिक आयोग के एक सदस्य उमर मंसूर ने कहा, 'वर्तमान में अफगानिस्तान में चीनी सहित कोई विदेशी सैनिक नहीं हैं।' बता दें कि शनिवार की रात बगराम निवासियों ने बताया था कि अमेरिकी सैनिकों के हवाई क्षेत्र से निकलने के बाद पहली बार बेस में रोशनी देखी गई।

ऐसी दावों पर मंसूर ने बताया कि तालिबान सदस्यों ने ही वहां लाइटें जलाई थीं। वहीं, TOLOnews ने बगराम जिले के निवासी शमशाद के हवाले से कहा, 'बगराम एयरफोर्स बेस पर फिर से लाइटें चालू की गईं। बेस पर कुछ आवाजें सुनाई दीं। वहां एक विमान भी देखा गया है।'
अपुष्ट रिपोर्टों ने बेस पर चीनी वायु सेना की मौजूदगी की अफवाह उड़ाई थी। रूस टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, 'चीन पर उंगली उठाकर एक विदेशी सेना के शामिल होने की अफवाह है।' इससे पहले सितंबर में, विश्लेषकों ने कहा था कि चीन इस क्षेत्र में अपने प्रभाव का विस्तार करने और अमेरिका को दिखाने के लिए अफगानिस्तान में बगराम के पूर्व अमेरिकी एयरबेस पर नजर गड़ाए हुए है।
पॉल डी शिंकमैन ने यूएस न्यूज में लिखा था कि चीन ने अफगानिस्तान में नई तालिबान सरकार के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए हैं और अब वह प्रभाव बढ़ाने और अमेरिका को झंझट में डालने के नए तरीकों पर विचार कर रहा है। शिंकमैन ने कहा कि बीजिंग बगराम एयरफील्ड में सैन्य कर्मियों और आर्थिक विकास अधिकारियों को तैनात करने पर विचार कर रहा है, जो शायद अफगानिस्तान में 20 साल की अमेरिकी सैन्य उपस्थिति का सबसे प्रमुख प्रतीक है।


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