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घरों के बाहर 'लैंडमाइन्स' लगा रहा तालिबान, जंग के बीच फंसे हजारों लोग

Neha Dani
4 Aug 2021 7:53 AM GMT
घरों के बाहर लैंडमाइन्स लगा रहा तालिबान, जंग के बीच फंसे हजारों लोग
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उन्हीं का इस्तेमाल मानव शील्ड के लिए किया जा रहा है? अमेरिका और ब्रिटेन सीजफायर का आग्रह करते हैं.’

अफगानिस्तान (Afghanistan) के कई प्रमुख शहरों में तालिबान (Taliban) और अफगान सुरक्षा बलों के बीच लड़ाई जारी है. दक्षिणी अफगानिस्तान के लश्कर गाह (Lashkar Gah) में भीषण युद्ध छिड़ा हुआ है. तालिबानी लड़ाकों और सरकारी बलों के बीच हो रही लड़ाई की वजह से शहर के हजारों लोग घरों में फंस चुके हैं, जबकि कई लोग अपने आशियानों को छोड़कर भाग रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि तालिबान हमारे ऊपर दया नहीं करेगा और सरकार बमबारी जारी रखेगी. ऐसे में हम लोग यहां पर फंसकर रह चुके हैं. लोगों ने बताया कि यहां के हालात बद से बदतर हो चुके हैं.

शहर के एक व्यक्ति का कहना है कि लश्कर गाह में सड़कों पर लाशें बिखरी हुई हैं. हमें नहीं मालूम है कि ये नागरिकों की लाशें या फिर तालिबान की. उसने बताया कि दर्जनों परिवार जान बचाकर भाग गए हैं और हेलमंद नदी के किनारे जाकर बस गए हैं. अन्य डरे हुए स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने सड़कों पर शव पड़े हुए देखे हैं. हेलमंद प्रांत की राजधानी को कब्जे में लेना तालिबान के लिए काफी महत्व वाला होगा. हेलमंद अमेरिकी और ब्रिटिश सेना के अभियान का केंद्र था. संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि पिछले एक दिन में लश्कर गाह में कम से कम 40 नागरिक मारे गए हैं.
हेरात में क्या है स्थिति?
दक्षिण में ही तालिबान कंधार पर कब्जा जमाने के लिए लगातार अफगान सुरक्षा बलों के साथ लड़ाई लड़ रहा है. इसके अलावा पश्चिम में हेरात में भी स्थिति ऐसी ही है. हेरात में स्थानीय लोगों ने अफगान सुरक्षा बलों का समर्थन किया है और नारेबाजी की है. अफगानी सुरक्षा बलों की शहर में एंट्री से लोगों के बीच तालिबान को हराने के लिए जोश है. हेरात पूरी तरह से जंग के मैदान में तब्दील हो चुका है. तालिबान से लड़ने के लिए सरकार ने सैकड़ों की संख्या में अफगान कमांडो को शहर में तैनात किया है. यहां पर पिछले कई दिनों से दोनों पक्षों के बीच युद्ध जारी है. शहर में चारों ओर गोलियों की आवाज सुनी जा सकती है.
इतने शहरों पर हो चुका है तालिबान का कब्जा
अफगानिस्तान पर नजर रखने वाले समहूों का कहना है कि अभी तक तालिबान ने 140 शहरों पर कब्जा जमाया है. इसके अलावा 151 शहरों में भीषण युद्ध जारी है. वहीं, 131 शहरों पर सरकार का नियंत्रण है. अफगानिस्तान के कई शहरों में अफगानिस्तान बलों और तालिबान के बीच भारी झड़पें हो रही हैं. अफगान पर नजर रखने वालों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 28 घटनाएं हुई हैं. तालिबान द्वारा आबादी वाले इलाकों और राजधानी काबुल पर होने वाले हमलों को लेकर चिंता जताई गई है. यही वजह है कि अफगान सरकार अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तालिबान पर दबाव बढ़ाने के लिए कह रही है.
लोगों के घरों के बाहर लैंडमाइन्स लगा रहा तालिबान
वहीं, नागरिकों के घरों के बाहर लैंडमाइन्स लगाने और तालिबानी लड़ाकों का परिवारों के पीछे छिपने की जानकारी भी सामने आई है. लगातार बढ़ रही हिंसा को लेकर अमेरिका और ब्रिटेन ने सीजफायर की मांग भी की है. काबुल में अमेरिकी दूतावास ने कहा, 'हमें इस बात की रिपोर्ट्स मिली हैं कि तालिबान नागरिकों के घरों के बाहर लैंडमाइन्स लगा रहा है और अफगान सुरक्षा बलों पर हमला करने के दौरान परिवारों के पीछे छिप रहा है. यदि इसकी पुष्टि होती है तो ये युद्ध अपराध है. तालिबान कैसे इस बात का दावा कर सकता है कि वो अफगानी लोगों के लिए लड़ रहा है, जब उन्हीं का इस्तेमाल मानव शील्ड के लिए किया जा रहा है? अमेरिका और ब्रिटेन सीजफायर का आग्रह करते हैं.'


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