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3 महीने में Kabul पर काबिज हो सकता है तालिबान, अमेरिकी खुफिया एजेंसी की बड़ी चेतावनी

Neha Dani
12 Aug 2021 2:31 AM GMT
3 महीने में Kabul पर काबिज हो सकता है तालिबान, अमेरिकी खुफिया एजेंसी की बड़ी चेतावनी
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अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन साफ कह चुके हैं कि अपने देश को सुरक्षित रखने के लिए सभी नेताओं को एकजुट होना होगा.

अफगानिस्तान में तालिबान लगातार अपना कब्जा बढ़ाता जा रहा है. देश के करीब 65 फीसदी हिस्से पर अब तालिबान अपना कब्जा जमा चुका है. ऐसे में अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट ने चिंता और बढ़ा दी है. अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने दावा किया है कि 30 दिनों के भीतर तालिबान अफगानिस्तान की राजधानी काबुल को बाकी हिस्सों से अलग कर देगा और 90 दिनों में उस पर पूरी तरह से कब्जा कर लेगा.

अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने राष्ट्रपति जो बाइडेन को यह खुफिया रिपोर्ट सौंपी है. इससे पहले माना जा रहा था कि अफगानिस्तान पर कब्जा करने में तालिबान को कम से कम 12 महीने का समय लगेगा. वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. इस समय अफगानिस्तान के 65 फीसदी हिस्से पर तालिबान का कब्जा है और 11 प्रांतीय राजधानी उसके कब्जे में हैं.
अफगान सेना पर दारोमदार
हालांकि अमेरिकी खुफिया अधिकारी का यह भी कहना है कि अफगान सेना चाहे तो तालिबान के बढ़ते कदमों को रोक सकती है. अगर वह पलटवार करे और तालिबान को कड़ा जवाब दे, तो पासा पलट भी सकता है. पूरे अफगानिस्तान से भागकर लोग काबुल में शरण लेने की कोशिश में जुटे हुए हैं. पहाड़ियों से घिरी इस राजधानी में इस समय लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है.
आत्मघाती हमलों का डर
अमेरिकी अधिकारी ने चेताया है कि काबुल पर आत्मघाती हमला भी हो सकता है. आत्मघाती हमलावर राजनयिकों के घरों को निशाना बना सकते हैं, इसलिए जितनी जल्दी हो सके, वहां से निकलना ही बेहतर है. जून की तुलना में यहां हालात तेजी से खराब हो रहे हैं. हालांकि अमेरिकी एयर स्ट्राइक से तालिबान को झटका जरूर लगा है, लेकिन उसके कदम रुके नहीं हैं.
अफगानिस्तान में बंद हो सकता है अमेरिकी दूतावास
इस बीच यह भी खबर है कि अमेरिका अफगानिस्तान में अपने दूतावास को भी बंद कर सकता है. काबुल में हालात बिगड़ने की आशंका से अमेरिका कभी भी यह कदम उठा सकता है. इस बीच अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी मजार-ए-शरीफ गए हैं ताकि पुराने लड़ाकों को एकजुट कर सकें. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन साफ कह चुके हैं कि अपने देश को सुरक्षित रखने के लिए सभी नेताओं को एकजुट होना होगा.


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