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तालिबान लोगों का कर रहा अब नरसंहार, शिया हजारा समुदाय के 13 लोगों को मारा

Subhi
6 Oct 2021 2:10 AM GMT
तालिबान लोगों का कर रहा अब नरसंहार, शिया हजारा समुदाय के 13 लोगों को मारा
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अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान अब देश में लोगों का नरसंहार कर रहा है।

अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज तालिबान अब देश में लोगों का नरसंहार कर रहा है। उसने शिया हजारा मुस्लिम समुदाय के 13 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी है। इनमें 17 साल की एक लड़की भी शामिल है। केंद्रीय प्रांत के दायकुंडी में हुई इस घटना में अधिकांश मृतक लड़ाकों के सामने समर्पण करने वाले सैनिक थे। यह जानकारी एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट में दी है

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने बताया कि ये हत्याएं 30 अगस्त को देश के दायकुंडी प्रांत के कहोर गांव में हुईं। मृतकों में 11 अफगानिस्तानी राष्ट्रीय सुरक्षा बलों के सदस्य थे और दो नागरिक थे जिनमें एक 17 वर्षीय लड़की थी। इन्हें तालिबान लड़ाके नदी बेसिन पर ले गए और तुरंत बाद इन्हें मार डाला गया। तालिबान ने भागने की कोशिश कर रहे अफगान सुरक्षा बलों को भी निशाना बनाया, जिसमें दोनों तरफ से गोलीबारी हुई। एएनएसएफ के जिन सदस्यों की हत्या हुई है, वे सभी शिया हजारा समुदाय से थे। एमनेस्टी के महासचिव एग्नेस कैलामार्ड ने कहा, ये क्रूरतम हत्याएं इस बात का प्रमाण हैं कि तालिबान वही कुख्यात अपराध कर रहा है, जो वह अफगानिस्तान के अपने पिछले शासन के दौरान करता था।
इस तरह दिया वारदात को अंजाम
रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के कब्जे के बाद अनुमानित 34 पूर्व सैनिकों ने खिदिर जिले में सुरक्षा की मांग की। ये हथियारबंद सैनिक तालिबान के सामने आत्मसमर्पण को तैयार हो गए। 30 अगस्त को, करीब 300 लड़ाके दहानी कुल गांव पहुंचे। उन्होंने यहां परिवार के साथ रह रहे सुरक्षा बल के लोगों पर गोलियां चला दीं। एक सैनिक ने जवाबी फायरिंग भी की जिसमें एक तालिबान लड़ाका मारा गया ।
पिछले शासन में भी दी यातनाएं
तालिबान ने अपने पहले शासनकाल के दौरान (1996 और 2001) भी शिया हजारा समुदाय के लोगों को कई तरह की यातनाएं दे चुका है। एमनेस्टी ने मंगलवार को जारी अपनी रिपोर्ट में बताया कि 15 अगस्त को देश की राजधानी पर कब्जे से पहले तालिबान ने जुलाई महीने में गजनी प्रांत में रहने वाले नौ लोगों को मार दिया था।
हमेशा से निशाना बन रहे हजारा
हजारा समुदाय हमेशा से तालिबान और आईएसआईएस-के निशाने पर रहा है। एमनेस्टी के मुताबिक 1990 के दशक में अपने पांच साल के शासन के दौरान, तालिबान ने बल्ख व बामियान में सैकड़ों हजारा लोगों का नरसंहार किया था। शिया हजारा समुदाय यहां की आबादी का बड़ा हिस्सा है जिन्हें लगातार निशाना बनाया जाता रहा है।
तालिबानी हमले में आईएस के तीन आतंकी ढेर
तालिबान ने दावा किया है कि काबुल के उत्तरी इलाके में आईएस-के के खिलाफ उसके अभियान में तीन आतंकी मारे गए हैं। वहीं तालिबान के आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता कारी सैय्यद खोस्ती ने बताया कि बाघ-ए-दौद क्षेत्र से ग्यारह आतंकियों को पकड़ा गया है। इनकी गिरफ्तारी रविवार को काबुल में हुए बम धमाके के बाद की है।

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