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तालिबान के खिलाफ बोलने वालों को मौत के घाट उतार दिया जाता है।
प्रमुख सरकारी संस्थानों पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने शुक्रवार को पश्चिमी अफगानिस्तान में देश के तीसरे सबसे बड़े शहर हेरात को अपने कब्जे में ले लिया। सूत्रों के मुताबिक प्रांत पर कब्जे के बाद सभी सरकारी अधिकारियों ने तालिबान के आगे सरेंडर कर दिया। हेरात के गवर्नर, पुलिस प्रमुख, हेरात में एनडीएस कार्यालय के प्रमुख, मुजाहिदीन के पूर्व नेता मोहम्मद इस्माइल खान, सुरक्षा के लिए उप गृहमंत्री और 207 जफर कोर कमांडर ने तालिबान के आगे घुटने टेक दिए।
गवर्नर ऑफिस में मिली शराब
हेरात गवर्नर के ऑफिस पर अब तालिबान का कब्जा है। शनिवार को समूह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया। वीडियो के साथ कहा गया कि तालिबान को हेरात गवर्नर के ऑफिस में शराब की बोतलें मिली हैं, जिन्हें वह फेंक रहा है। वीडियो में एक व्यक्ति को कुछ शराब की बोतलों के साथ देखा जा सकता है। कुछ देर के बाद शख्स इन बोतलों को पास के गार्डन में फेंकने लगता है। यह वीडियो अफगानिस्तान के पत्रकार बिलाल सरवरी ने शेयर किया है।
तालिबान लड़ाके मना रहे जश्न
Taliban say they found alcohol inside governors office in Herat. Taliban throwing away bottles of alcohol. pic.twitter.com/toOw0Jlg18
— BILAL SARWARY (@bsarwary) August 13, 2021
अफगानिस्तान को विकसित करने वाली सरकार बनाने का दावा कर रहा तालिबान धीरे-धीरे देश में अपना कब्जा बढ़ा रहा है। उसने तीसरे सबसे बड़े शहर हेरात पर भी कब्जा जमा लिया है। प्रांत में घूम रहे लड़ाकों की तस्वीरें भी सामने आई हैं और इनमें देखा जा सकता है कि कैसे वे आराम से जीत का जश्न मना रहे हैं। देश के कई इलाकों से पहले भी ऐसी तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं जिनमें तालिबानी लड़ाके नाचते-कूदते देखे जा सकते हैं।
रहम की भीख मांग रहे बच्चे और महिलाएं
इससे पहले सामने आए वीडियो में देखा गया था कि कैसे निमरोज के गवर्नर के महल में घुसे तालिबानी लड़ाके सोफे पर बैठे आराम फरमा रहे हैं। लोगों को तड़पा-तड़पाकर मारने के आरोपी ये आतंकी फल, बिस्किट उड़ा रहे हैं। दूसरी ओर, देश के लोग, खासकर महिलाएं और मासूम बच्चे रहम की भीख मांग रहे हैं। वे अपनी जान बचाकर भागने को मजबूर हैं। तालिबान के खिलाफ बोलने वालों को मौत के घाट उतार दिया जाता है।
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