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इमरान खान सरकार ने तालिबान से टीटीपी के आतंक से निजात पाने के लिए मदद मांगी थी।
जिस चाहत में पाकिस्तान ने खुलेआम अफगानिस्तान की सत्ता में वापसी के लिए तालिबान की मदद की थी, वह अब पूरी होती दिख रही है। इमरान खान की टेंशन कम करने में तालिबान पूरी तरह से जुट गया है। पाकिस्तान और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के बीच पाकिस्तान अब शांति समझौता करा रहा है।अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व वाली सरकार में कार्यवाहक आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी कथित तौर पर पाकिस्तान और प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के बीच दो दशक के आतंकवाद को समाप्त करने के लिए व्यापक शांति समझौता के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं। स्थानीय मीडिया ने इसकी जानकारी दी।
पाकिस्तानी अखबार डॉन ने सूत्रों के हवाले से बताया कि अफगानिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी खोस्त प्रांत में दोनों पक्षों के बीच सीधी और आमने-सामने बातचीत हुई है। तालिबान की मध्यस्थता में आमने-सामने वार्ता के बाद पाकिस्तान और टीटीपी के साथ एक संभावित समझौते पर पहुंच गया है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तान की ओर से कौन टीटीपी के साथ बातचीत कर रहा है। इस समझौते में एक राष्ट्रव्यापी संघर्ष विराम की घोषणा, कुछ शर्तों के आधार पर कुछ टीटीपी आतंकवादियों की रिहाई और विश्वास-निर्माण उपायों के हिस्से शामिल हैं।
हालांकि, टीटीपी ने अभी तक दोनों पक्षों के बीच संभावित सहमति की न तो पुष्टि की है और न ही इसका खंडन किया है। अभी तक पाकिस्तानी सरकार द्वारा रिहा होने वाले आतंकवादियों की संख्या स्पष्ट नहीं है, मगर अखबार ने सूत्रों के हवाले से बताया कि ऐसे आतंकवादियों की संख्या दो दर्जन से अधिक नहीं होगी। डॉन ने सूत्रों के हवाले से कहा कि ये आतंकवादी पैदल सैनिक (आतंकवादी) हैं न कि वरिष्ठ या मध्यम स्तर के कमांडर। माना जा रहा है कि कैदियों के रिहा होने के बाद संघर्ष विराम लागू हो जाएगा।"
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डॉन ने सूत्र के हवाले से कहा कि यह सीधी बातचीत पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिकारियों और टीटीपी के सीनियर नेतृत्व के बीच हो रही है। टीटीपी में बिना किसी अपवाद के सभी समूह शामिल हैं। मेज पर कई प्रस्ताव हैं और दोनों पक्ष एक व्यावहारिक समाधान निकालने के लिए काम कर रहे हैं। हालांकि, डॉन ने सूत्र का हवाला देते हुए बताया कि यह स्पष्ट है कि फिलहाल कोई आदिवासी मध्यस्थ टीटीपी नेतृत्व के साथ बातचीत में नहीं लगा है। बता दें कि इमरान खान सरकार ने तालिबान से टीटीपी के आतंक से निजात पाने के लिए मदद मांगी थी।
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