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अगस्त में तालिबान की वापसी के बाद भी बड़ी संख्या में लोगों ने युद्धग्रस्त मुल्क को छोड़ा था.
तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जे के बाद लोगों के लिए माफी का ऐलान किया. इसने कहा कि वह किसी भी पूर्व सरकारी अधिकारी से बदला नहीं लेगा. लेकिन तालिबान के दावों की पोल खुलने लगी है. दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें पूर्व सरकार के एक सैन्य अधिकारी को देखा जा सकता है. वीडियो में देखा जा सकता है कि दो लोग उस सैन्य अधिकारी को टॉर्चर (Taliban torcher Former military officer) कर रहे हैं. तालिबान की वापसी के बाद इस तरह के कई वीडियो सामने आए हैं, जिसकी बर्बरता को देखा जा सकता है.
टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, टॉर्चर का वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बड़ी संख्या में लोगों ने कहा है कि इस तरह की कार्रवाई स्पष्ट रूप से इस्लामिक अमीरात (Islamic Emirate) द्वारा सत्ता में आने के पहले दिनों में घोषित सामान्य माफी के विपरीत है. एक यूनिवर्सिटी के लेक्चरर हेकमतुल्लाह मिर्जादा ने कहा, उन्होंने एक सामान्य माफी की घोषणा की है और उम्मीद की जाती है कि वे इसे बरकरार रखेंगे क्योंकि वादों को पूरा करने से सरकार और लोगों के बीच विश्वास मजबूत होगा. एक पूर्व सैन्य अधिकारी रहमतुल्लाह ने कहा, तालिबान को अपने निचले स्तर के रैंकों और प्रांतों में प्रांतीय गवर्नरों और सुरक्षा विभागों के प्रमुखों के माध्यम से सामान्य माफी लागू करनी चाहिए.
सभी लोगों के साथ हो अच्छा व्यवहार: अनस हक्कानी
Taliban tortures former army official Rahamatullah Qaderi. Qaderi was arrested last week. pic.twitter.com/5slH5tQs72
— Tajuden Soroush (@TajudenSoroush) December 27, 2021
इस बीच, तालिबान के शीर्ष सदस्यों में से एक अनस हक्कानी (Anas Haqqani) ने कहा कि व्यक्तिगत बदला लेने से बचना चाहिए और सामान्य माफी का सम्मान किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, अब जब एक सामान्य माफी की घोषणा की गई है, तो बेहतर है कि सभी लोगों के साथ ठीक से व्यवहार किया जाए, और व्यक्तिगत बदला लेने से बचना चाहिए. पूर्व सरकारी सुरक्षा सदस्यों की हत्याओं और गिरफ्तारी के बारे में ह्यूमन राइट्स वॉच सहित अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा पहले भी रिपोर्ट जारी की गई थी. हालांकि, तालिबान ने इस तरह के आरोपों को नकार दिया है.
तालिबान की वापसी के बाद पूर्ववर्ती सरकार का हिस्सा रहे लोगों ने छोड़ा देश
राजनीतिक विश्लेषक सैयद बाकिर मोहसिनी (Sayed Baqir Mohsini) ने कहा, पूर्व सरकार के साथ संबंधों के कारण लोगों को हिरासत में लेने और पूछताछ करने से सामाजिक हीनता और समस्याएं बढ़ेंगी, जो भविष्य में सुरक्षा और स्थिरता के लिए खतरा बन सकती है. तालिबान की वापसी के बाद से ही अफगानिस्तान में पूर्व सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ अत्याचार बढ़ गए हैं. यही वजह है कि बड़ी संख्या में पूर्ववर्ती सरकार का हिस्सा रहे लोग अब देश छोड़कर भाग रहे हैं. अगस्त में तालिबान की वापसी के बाद भी बड़ी संख्या में लोगों ने युद्धग्रस्त मुल्क को छोड़ा था.
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