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दवाओं की पहली खेप अफगानिस्तान भेजने पर तालिबान ने जताया आभार
भारत की तरफ से 1.6 टन जीवन रक्षक दवाओं की पहली खेप अफगानिस्तान भेजने पर आभार जताते हुए तालिबान ने कहा कि दोनों देशों के संबंध बेहद महत्वपूर्ण हैं। दवाओं की यह खेप विशेष विमान के जरिये दिल्ली से काबुल भेजी गई थी। भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुंदजाय ने ट्वीट किया, 'सभी बच्चों को एक छोटी मदद, उम्मीद और उनमें भरोसा रखने वालों की जरूरत है। दिल्ली से काबुल पहुंची 1.6 टन जीवन रक्षक दवाओं की खेप इस मुश्किल घड़ी में कई परिवारों की मदद करेगी। यह भारतवासियों की तरफ से एक उपहार है।'
अफगानिस्तान-भारत संबंध बेहद महत्वपूर्ण
अफगानिस्तान के उप प्रवक्ता अहमदुल्ला वसीक ने शनिवार को ट्वीट किया, 'भारत इस क्षेत्र का नेतृत्व करने वाला देश है। अफगानिस्तान-भारत संबंध बेहद महत्वपूर्ण है।'
रेड क्रास दे रहा स्वास्थ्य कर्मियों को वेतन
इंटरनेशनल कमेटी आफ द रेड क्रास (आइसीआरसी) अफगानिस्तान के करीब छह हजार स्वास्थ्य कर्मियों को वेतन दे रहा है तथा 23 सार्वजनिक अस्पतालों को उपकरण भी मुहैया करवा रहा है। आइसीआरसी के वरिष्ठ अधिकारी मुनकाद अब्दुल रहमान ने बताया कि फिलहाल अफगानिस्तान के 15 स्वास्थ्य केंद्रों के कर्मचारियों को वेतन दिया जा रहा है।
काबुल में वायु प्रदूषण चिंताजनक
राजधानी काबुल में ठंड बढ़ने के साथ ही वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो चुकी है। इस वजह है कि लोग अपने घरों और दफ्तरों को गर्म रखने के लिए कोयला जैसे सस्ते ईंधन का इस्तेमाल करते हैं। टोलो न्यूज ने तांकीन नामक स्थानीय डाक्टर के हवाले से बताया कि शहर में वायु प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारियां बढ़ी हैं।
दोहा समझौते के प्रति गंभीर नहीं है तालिबान : रिपोर्ट
ग्रीक सिटी टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अफगानिस्तान की सत्ता में आने के 100 दिनों बाद भी तालिबान दोहा समझौते के प्रति गंभीर नहीं है। वह आइएस जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई में निष्कि्रय साबित हुआ है। वर्ष 2019-20 में दोहा में तालिबान व अमेरिका के बीच कई मुद्दों पर समझौते हुए थे।
तालिबान ने कहा है कि पाकिस्तान में सत्तारूढ़ राजनीतिक प्रणाली इस्लामिक नहीं है, बल्कि उसका संचालन विदेश से किया जाता है। तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्ला मुजाहिद ने रेडियो फ्री अफगानिस्तान के साथ साक्षात्कार में कहा कि पाकिस्तान के शासक इस्लाम की जगह आर्थिक हितों को प्राथमिकता देते हैं। खामा प्रेस के अनुसार, पहली बार तालिबान ने पाकिस्तान सरकार और राजनीतिक प्रणाली के खिलाफ टिप्पणी की है।
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