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अफगानिस्तान में तालिबान की कामयाबी का जश्न अब पाकिस्तान में खुलेआम मनाया जा रहा है. यही वजह है कि राजधानी इस्लामाबाद समेत कई शहरों में कट्टरपंथियों की भीड़ तालिबान के झंडे लहरा रही है. इतना ही नहीं पाकिस्तान के कई मौलवी तालिबान को खुले मंच से जीत की बधाई भी दे रहे हैं. इस्लामाबाद के जामिया हफ्सा मदरसा में तालिबान का झंडा फहराया गया.
जामिया हफ्सा पहले महिलाओं का मदरसा था. बाद में कट्टरपंथियों ने इसे बंद कर दिया. यह मदरसा इस्लामाबाद की विवादित लाल मस्जिद के पास स्थित है. लाल मस्जिद के मौलाना अब्दुल अजीज ने कई बार पाकिस्तानी सरकार को खुली चुनौती दी है. इस मस्जिद पर सैन्य कार्रवाई करने के आरोप में पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को गिरफ्तार भी किया जा चुका है.
लाल मस्जिद के पास जामिया हफ्सा में तालिबान का झंडा लहराए जाने की बात सोशल मीडिया पर आने के बाद इस्लामाबाद के डिप्टी कमिश्नर ऑफिस की ओर से ट्वीट कर बताया गया कि वहां से इसे हटा दिया गया है.
पूरे मसले पर डेली पाकिस्तान वेबसाइट के अनुसार, लाल मस्जिद (Red Mosque) के प्रवक्ता हाफिज एहतेशम ने कहा है कि जामिया हफ्सा में इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान का झंडा फहराया गया है और मौलाना अब्दुल अजीज ने लाल मस्जिद में शरिया और फतेह मुबारक सम्मेलन आयोजित करने की घोषणा की है.
इस्लामाबाद की लाल मस्जिद सेक्टर जी-सिक्स में आबपारा मार्केट के पास स्थित है और अब एक साल से अधिक समय से मस्जिद से जुड़ी सड़क को कंटीले तार और सीमेंट ब्लॉक से अवरुद्ध कर दिया गया है. यह घटना कल शाम की है.
अल्ताफ हुसैन ने भी लगाया आरोप
इस बीच मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) पार्टी के संस्थापक अल्ताफ हुसैन ने भी आरोप लगाया कि पाक सरकार की ओर से जामिया हफ्सा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, जहां तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा जमाए जाने के बाद तालिबान का झंडा फहराया गया था.
अल्ताफ हुसैन ने कहा कि यह स्पष्ट संकेत है कि पाकिस्तान सेना और आईएसआई तालिबान की तरह हैं. यह इस बात का भी संकेत है कि पाक सेना पाकिस्तान को तालिबान के शरिया देश की तरह बनाना चाहती है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव को ISI मुख्यालय (आबपारा) इस्लामाबाद के सामने स्थित जामिया हफ्सा में तालिबान का झंडा फहराने को लेकर संज्ञान लेना चाहिए.
एमक्यूएम के संस्थापक अल्ताफ हुसैन ने पाकिस्तान सेना और आईएसआई पर आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि उसकी ओर से पाकिस्तान में बलूच, मुहाजिर, सिंधी और पश्तून लोगों का नरसंहार किया जा रहा है.
पाकिस्तान के पूर्व पत्रकार मुर्तजा सोलंगी ने बताया कि जामिया हफ्सा राष्ट्रीय राजधानी इस्लामाबाद के बीचो-बीच है जहां पर अफगान तालिबान का झंडा लहराया गया.
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