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अफगानिस्तान में कड़ाके की ठंड का मौसम आ गया है। लेकिन
अफगानिस्तान में कड़ाके की ठंड का मौसम आ गया है। लेकिन राजधानी काबुल में अंधेरा छाया हुआ है। चूंकि नए तालिबान शासकों ने सेंट्रल एशियन इलेक्टि्रकसिटी सप्लायर्स के बकाया बिल का भुगतान नहीं किया है। वाल स्ट्रीट जरनल के अनुसार अफगानिस्तान के सरकारी ऊर्जा प्राधिकरण के इस्तीफा दे चुके मुख्य कार्यकारी दाऊद नूरजई ने चेताया है कि बिजली के बिल का भुगतान नहीं करने से हालात मानवीय आधार पर विनाशकारी हो सकते हैं। विगत 15 अगस्त को तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के दो हफ्ते पहले ही नूरजई ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। अब वह विभागीय डीएबीएस के अफसरों के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि अगर अब भी हालात नहीं संभाले गए तो काबुल ही नहीं पूरे अफगानिस्तान में ब्लैकआउट हो जाएगा। यह बेहद घातक हालात होंगे।
बगराम वायुक्षेत्र में चीनी सैन्य बलों की मौजूदगी से किया इन्कार
अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज आतंकी संगठन तालिबान ने देश के बगराम वायुक्षेत्र में चीनी सैन्य बलों की मौजूदगी से इन्कार किया है। टोलो न्यूज के अनुसार सांस्कृतिक आयोग के सदस्य ओमर मंसूर ने बताया कि चीनी सेना समेत अफगानिस्तान में कोई विदेशी सेना मौजूद नहीं है। शनिवार की रात को बगराम के निवासियों ने बताया कि इस एयरबेस पर बत्तियां जलती देखी गई हैं। हालांकि मंसूर ने बताया कि तालिबान के लोगों ने वहां पर लाइटें जलाई हैं। वहां पर कुछ आवाजों के साथ ही एक विमान भी देखा गया है। इससे पहले सितंबर में कुछ अपुष्ट खबरों में बताया गया था कि चीनी वायुसेना ने अब बगराम एयरबेस में अपना अड्डा बना लिया है। इससे पहले, यहां अमेरिकी सेना का सबसे बड़ा वायुसैनिक अड्डा था।
काबुल एयरपोर्ट उड़ानों के लिए तैयार
अफगानिस्तान के नागरिक उड्डयन विभाग के अनुसार अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए काबुल एयरपोर्ट एकदम तैयार है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हाल के दिनों में तकनीकी मुद्दों को सुलझा लिया गया है। टोलो न्यूज के अनुसार अफगानिस्तान के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने काबुल एयरपोर्ट के घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए एकदम तैयार होने की घोषणा की है। हाल के दिनों में इस हवाई अड्डे पर कतर, पाकिस्तान और यूएई से उड़ानें आई-गई हैं। अफगानी अधिकारी मुहम्मद नईम सालेही ने बताया कि पड़ोसी देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उड़ाने शुरू करने के लिए संदेश भेजा गया है। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करने के लिए तकनीकी रूप से कोई परेशानी नहीं है। हालांकि ईरान और पाकिस्तान का वीजा रखने वाले कुछ अफगानों ने शिकायत की है कि हाल के दिनों में काबुल में हवाई यात्रा के टिकट बहुत महंगे हो गए हैं।
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