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अफगान शांति प्रक्रिया पर विचार-विमर्श के लिए कतर स्थित तालिबान के राजनीतिक कार्यालय का एक प्रतिनिधिमंडल |
अफगान शांति प्रक्रिया पर विचार-विमर्श के लिए कतर स्थित तालिबान के राजनीतिक कार्यालय का एक प्रतिनिधिमंडल तीन दिवसीय यात्रा पर बुधवार को इस्लामाबाद पहुंचने वाला है। इस्लामाबाद प्रवास के दौरान राजनीतिक मामलों के लिए तालिबान के उप प्रमुख मुल्ला अब्दुल गनी बरदार की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री इमरान खान और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से मुलाकात करेगा। तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान सरकार के निमंत्रण पर प्रतिनिधिमंडल की यात्रा हो रही है। अफगान सरकार और तालिबान वार्ताकारों ने वार्ता के एजेंडे पर अपने प्रधानों से परामर्श करने के लिए ब्रेक लिया है। वहीं अमेरिका में अगले महीने सत्ता परिवर्तन होने वाला है। इस बीच यह दौरा हो रहा है।
बता दें कि अफगानिस्तान में लड़ाई बढ़ गई है और यह भी साफ नहीं है कि अगली वार्ता कहां होगी। इसके चलते शांति प्रक्रिया को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है।अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि खलीलजाद सोमवार को इस्लामाबाद दौरे पर आए थे। खलीलजाद ने पाकिस्तान पहुंचने के बाद ट्वीट करके कहा था कि दुख की बात है कि युद्ध जारी है। एक राजनीतिक समझौता, हिंसा में कमी और संघर्ष विराम की तत्काल आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा था कि वार्ता फिर से शुरू करने में देरी नहीं होनी चाहिए और सहमति के अनुसार यह 5 जनवरी को फिर से शुरू हो जानी चाहिए। इस वर्ष पाकिस्तान ने न केवल अमेरिका और तालिबान को अपने समझौते पर हस्ताक्षर करने में मदद की, बल्कि इंट्रा-अफगान वार्ता की शुरुआत को भी सुविधाजनक बनाया और बातचीत के लिए नियमों और प्रक्रियाओं पर सहमति व्यक्त की।
प्रधानमंत्री इमरान खान ने पिछले महीने काबुल की यात्रा के दौरान अफगानिस्तान में हिंसा में कमी के लिए पाकिस्तान के सहयोग के अफगान नेतृत्व को आश्वासन दिया था। उन्होंने राष्ट्रपति अशरफ गनी से कहा कि हम अपनी पहुंच के भीतर जो भी हो सकेगा करेंगे। सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने खलीलजाद के साथ अपनी बैठक में उन्हें क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के प्रयासों के लिए पाकिस्तान के निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया था।
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