अफगानिस्तान में पैठ बनाने की कोशिश में जुटे तालिबान और उसके हिमायती माने जाने वाले पाकिस्तान के रिश्तों में एक बार फिर तनाव पैदा हो गया है। तालिबान ने पाकिस्तानी सेना द्वारा डूरंड लाइन पर की गई बाड़बंदी के कुछ हिस्सों को क्षतिग्रस्त कर दिया है।
एक तरफ पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने राजनयिक रूप से मुद्दों को हल करने की कसम खाई है, वहीं दूसरी तरफ तालिबान के सूचना मंत्री जबीउल्ला मुजाहिद ने जोर देकर कहा है कि डूरंड रेखा ने एक राष्ट्र को दो पक्षों में विभाजित कर दिया है, जो तालिबान को मंजूर नहीं। इससे पहले तालिबान ने पाकिस्तानी सेना को डूरंड लाइन (दोनों देशों की सीमा रेखा) के करीब नांगरहार प्रांत में बाड़बंदी व सैन्य चौकियों के निर्माण से रोक दिया था।
पाकिस्तान अपनी सीमा के पार पश्तूनों की गतिविधियों को नियंत्रित करने के प्रयास के तहत बाड़बंदी करना चाहता है। पश्तून अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा व अफगानिस्तान के बीच बिखरे हुए हैं। इनकी आबादी 42 प्रतिशत है। पाकिस्तान में पश्तूनों की आबादी करीब 25 फीसद है।
बता दें कि तालिबान ने पिछले दिनों कई बार इस लाइन पर पाकिस्तान सेना के जवानों को न सिर्फ फेंसिंग करने से रोक दिया था बल्कि उनका सामान भी जब्त कर लिया था। तालिबान ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान को इस तरह की फेंसिंग करने का कोई अधिकार नहीं है। तालिबान का यहां तक कहना है कि ये नियमों के खिलाफ है।
उल्लेखनीय है कि अफगान पर कब्जे से करीब दो दशक पहले तक तालिबान यहां से आपरेट किया करता था। लेकिन अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद पाकिस्तान की सरकार ने इस लाइन पर फेंसिंग करने की कोशिश की थी, जिसको तालिबान ने धमकी देकर रोक दिया था। अफगानिस्तान के अल अरेबिया की खबर के मुताबिक पाकिस्तान को ये गलतफहमी थी कि अफगानिस्तान में तालिबान की एक कमजोर सरकार आई है। लिहाजा उसने इसका फायदा उठाते हुए डूरंड लाइन पर फेंसिंग करने की सोची थी। लेकिन अब ये गलतफहमी तालिबान ने दूर कर दी है।