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Taliban Captures 50 Afghanistan Districts: अमेरिकी सेना की वापसी कि घोषणा के बाद से, तालिबान का आतंक एक बार फिर से बढ़ा

Tulsi Rao
22 Jun 2021 6:42 PM GMT
Taliban Captures 50 Afghanistan Districts: अमेरिकी सेना की वापसी कि घोषणा के बाद से, तालिबान का आतंक एक बार फिर से बढ़ा
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अफगानिस्तान में तालिबान के आतंकियों ने मई के बाद से अबतक देश के 50 से ज्यादा जिलों पर कब्जा कर लिया है। देश से अमेरिकी सेना की वापसी कि घोषणा के बाद से तालिबान का आतंक एक बार फिर से बढ़ने लगा है। डेबोरा लियोन्स ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि इस साल की शुरुआत में घोषणा की गई थी कि विदेशी सैनिकों को वापस बुला लिया जाएगा। इसके बाद से अफगानिस्तान में तबाही शुरू हो गई है।

सितंबर तक विदेशी सैनिक हो जाएंगे वापस
लियोन्स के मुताबिक, जिन जिलों को प्रांतीय राजधानियों से तालिबान को खदेड़ा गया था। उन्हें तालिबान फिर से वापस लेने की कोशिश कर रहा है। वो बस इस इंतजार में है कि, एक बार विदेशी सेना पूरी तरह से वापस चली जाएं। अफगानिस्तान में 20 सालों तक चले युद्ध के बाद अब अमेरिका ने अपने सैनिक वापस बुलाने शुरू कर दिए हैं, जो की 11 सितंबर तक देश से पूरी तरह से बाहर हो जाएंगे। वहीं नाटो देशों के लगभग सात हजार गैर-अमेरिकी कर्मचारी, जिनमें ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और जॉर्जिया के लोग शामिल हैं। वह भी तय तारीख तक अफगानिस्तान से बाहर जाने की योजना बना रहे हैं। इस बीव संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा कि अमेरिकी सैनिकों को वापस लेने के फैसला बहुत विचार-विमर्श करने के बाद लिया गया है। उन्होंने सुरक्षा परिषद को बताया कि हम अपने पूर्ण राजनयिक और आर्थिक शक्तियों का इस्तेमाल अफगान लोगों के भविष्य को शांतिपूर्ण बनाने के लिए करेंगे। हम अफगान के सुरक्षा बलों का समर्थन करना जारी रखेंगे।
बढ़ते तनाव के बीच शुक्रवार को होगी मुलाकात
देश में बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन शुक्रवार को व्हाइट हाउस में अफगानिस्तान राष्ट्रपति अशरफ गनी और अफगानिस्तान की राष्ट्रीय सुलह परिषद के अध्यक्ष अब्दुल्ला अब्दुल्ला के साथ मुलाकात करेंगे। कतर में तालिबान और अफगान सरकार के प्रतिनिधियों के बीच राजनीतिक समझौते पर बातचीत ठप हो गई है। लियोन्स ने सुरक्षा परिषद से आग्रह किया है कि क्षेत्रीय देशों के समर्थन से दोनों देशों को बातचीत के लिए फिर से राजी किया जाए।


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