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अफगानिस्तान पर अब पूरी तरह तालिबान का राज हो गया है
Pakistan Taliban Relations: अफगानिस्तान पर अब पूरी तरह तालिबान का राज हो गया है. अफगानिस्तान पर कब्जे की इस जंग में पाकिस्तान ने तालिबान का भरपूर साथ निभाया मगर अब खतरा अफगानिस्तान से कहीं आगे बढ़ चुका है और इस खतरे के पीछे एक बार फिर पाकिस्तान का बड़ा हाथ है. पाकिस्तान की नापाक साजिश को बेनकाब करने वाला बड़ा खुलासा हुआ है. इस्लामाबाद की लाल मस्जिद (Lal Masjid) के मौलाना ने जो दावा किया है, वो आतंक के खिलाफ पूरी दुनिया को खबरदार करने के लिए काफी है. कैमरे पर फिदायीन फैक्ट्री का ऐसा खौफनाक सच रिकॉर्ड हुआ है, जिसके बारे में जानकर आज पूरी दुनिया दहल जाएगी.
अफगान तालिबान, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, अलकायदा और जैश ए मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) जैसे आतंकी संगठनों के साथ इस मस्जिद के रिश्ते रहे हैं. इस रिश्ते का खुलासा खुद मौलाना अब्दुल अजीज करते रहे हैं. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में जो हुआ, वो पूरी दुनिया ने देखा. तालिबान के कब्जे के बाद काबुल में किस तरह सीरियल ब्लास्ट हुए, कैसे सैकड़ों इंसानों की जानें गई, उसकी गवाह दुनियाभर के तमाम मुल्क बने. अगर मौलाना अब्दुल अजीज की बातों पर यकीन करें तो दुनियाभर में एक-दो या सौ-पचास फिदायीन नहीं बल्कि ऐसे हजारों-लाखों फिदायीन हैं, जो किसी भी वक्त किसी भी मुल्क को दहलाने के लिए तैयार हैं.
दुनिया में जारी हो सकता है टेरर अलर्ट
पाकिस्तान आतंक का पनाहगाह है. ये तो पहले से जगजाहिर है. मगर अफगान क्राइसिस के बीच इस्लामाबाद की लाल मस्जिद के मौलाना की जुबान से निकले एक-एक लफ्ज इतने खौफनाक हैं, जिसे सुनकर पूरी दुनिया में टेरर अलर्ट जारी हो सकता है (Lal Masjid Fidayeen in Afghanistan). फिदायीन फैक्ट्री के इस मौलाना का दावा है कि अफगानिस्तान में मौत का जो मातम पसरा है, उसके पीछे तालिबान और खुरासान का नहीं, बल्कि पाकिस्तानी फिदायीनों का हाथ है और बेगुनाहों के खून से रंगे ये हाथ धर्म के नाम पर अब दुनिया के नक्शे का रंग बदलने के लिए बेचैन हैं.
जंग लड़ने वालों में अधिकतर नौजवान
अब्दुल अजीज ने दावा किया, 'असल जंग लड़ने वाले लोग नौजवान हैं, जिन्होंने कुर्बानियां दी हैं और उसमें एक बहुत बड़ी तादाद पाकिस्तान के नौजवानों की है जो फिदायीन बनकर यहां से गए हैं. लाल मस्जिद के पास से 1000 फिदायीन वहां पहुंचे हैं, जिन्होंने वहां का नक्शा तब्दील कर दिया है (Lal Masjid Maulana Claims). वहां के उलेमा खुद बताते हैं कि हमें फिदायीन की जरूरत थी और फिदायीन मिलते नहीं थे. लाल मस्जिद ने नौजवानों में फिदाई बनने का जज्बा पैदा किया और उससे पहले करीब एक सौ होंगे और उसके बाद हमें 1000 फिदाई मिले, जिन्होंने जंग का सारा नक्शा तब्दील कर दिया.'
मौलवी ने फिदायीन बनने की अपील की
पाकिस्तान का ये मौलवी खुलेआम दुनियाभर के मुसलमानों से फिदायीन बनने की अपील करने की धमकी दे रहा है. अब्दुल अजीज के अनुसार, 'पूरी दुनिया में अब खिलाफत कायम होने वाली है. इंशा अल्लाह, हम पूरी दुनिया के मुसलमानों से फिदायीन बनने की अपील करेंगे तो 15 से 20 लाख फिदायीन पूरी दुनिया के लिए तैयार हो जाएंगे और पूरी दुनिया को हम कहेंगे कि या तो इस्लामी निजाम नाजिम करो और नहीं है तो फिर फिदायीन हमले के लिए तैयार हो जाओ.' इन दहशतगर्दों के निशाने पर सुपरपावर अमेरिका से लेकर उसके समर्थक ब्रिटेन और स्पेन जैसे देश भी शामिल हैं.
दूसरे देशों को लेकर नापाक मंसूबे
इनका नापाक मकसद अफगानिस्तान-ताजिकिस्तान जैसे इस्लामी मुल्कों में फिदायीन अटैक का आगाज कर अमेरिका-ब्रिटेन जैसे देशों तक अंजाम देना है. अब्दुल अजीज ने कहा, 'जैसे आप अफगानिस्तान में सोच भी नहीं सकते थे कि 9 दिन में पूरा अफगानिस्तान फतह हो जाएगा और इंशा अल्लाह ऐसे ही निकलना और पहले तो इस्लामी मुल्क ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, सऊदी अरब को फतह करेंगे, जो इनके एजेंट बैठे हैं पहले इनको फतह करेंगे और फिर अगला कदम आएगा अमेरिका, ब्रितानिया, स्पेन और इन सब इलाकों पर इंशा अल्लाह इस्लामी हुकूमत कायम करेंगे.'
क्यों खौफनाक हैं मौलाना के दावे?
इसके दावे इतने खौफनाक हैं, इसके इरादे इतने नापाक हैं, जिनके आगे तालिबान का मौजूदा खौफ खोखला नजर आता है, क्योंकि ये मौलाना पूरी दुनिया को ही अफगानिस्तान बनाने को बेताब है. अब्दुल अजीज ने कैमरे पर दावा करते हुए सवाल किया, 'मुसलमानों में इतनी पावर है कि अपने ऊपर बम बांधकर अपनी जान को अल्लाह के वख्त कर देते हैं, क्या किसी ईसाई में, किसी स्पेन वाले में, किसी हिंदू में, किसी सिख में इतनी हिम्मत है?' तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, अलकायदा और जैश ए मोहम्मद से करीब संबंध रखने वाले लाल मस्जिद के इस मौलाना ने खौफनाक खुलासा करते हुए कहा, 'मुसलमानों में तो इस वक्त लाखों की तादाद में ऐसे लोग मौजूद हैं, औरत और मर्द दोनों में मौजूद हैं. अफगानिस्तान में ज्यादा नौजवानों ने खुदाई हम लिखे हैं.'
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