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अफगानिस्तान के 18 प्रांतों पर तालिबान का कब्जा, काबुल से महज 50 किमी दूर

Deepa Sahu
13 Aug 2021 5:45 PM GMT
अफगानिस्तान के 18 प्रांतों पर तालिबान का कब्जा, काबुल से महज 50 किमी दूर
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तालिबान तेजी से अफगानिस्तान के प्रमुख शहरों पर कब्जा जमाता जा रहा है।

तालिबान तेजी से अफगानिस्तान के प्रमुख शहरों पर कब्जा जमाता जा रहा है। अब वह अफगानिस्तान की राजधानी काबुल से महज 50 किमी दूर रह गया है। न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, तालिबान ने काबुल से 50 किमी दूर स्थित प्रांत पर भी कब्जा कर लिया है। इस तरह कुल 18 प्रांत अब तालिबान के कब्जे में जा चुके हैं। दरअसल, तालिबान द्वारा कंधार और लश्कर गाह पर भी कब्जा जमाने की खबरें आ रही हैं। समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, तालिबान ने शुक्रवार को दावा किया कि उसने एक और प्रांतीय राजधानी कंधार पर कब्जा कर लिया। इसके बाद लश्कर गाह भी उसके कब्जे में आ गया।

अब सिर्फ राजधानी काबुल उससे बची हुई है। काबुल के बाद कंधार ही अफगानिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। अब तालिबान का अगला टारगेट काबुल हो सकता है। बता दें कि कंधार में ही बीते दिनों तालिबानियों ने भारतीय फोटो जर्नलिस्ट दानिश की हत्या कर दी थी। कंधार पर कब्जा करने से पहले गुरुवार को तालिबान ने दो और प्रांतीय राजधानी गजनी और हेरात पर कब्जा कर लिया था। तालिबानी काबुल से महज 130 किलोमीटर दूर है। इस तरह से उसने अब तक 13 प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर लिया है।
अब तक इन पर कब्जा
1. जरांज
2. शेबरगान
3.सर-ए-पुल
4. कुंदुज
5. तालोकान
6. ऐबक
7. फराह
8. पुल ए खुमारी
9. बदख्शां
10. गजनी
11. हेरात
12. कंधार
13. लश्कर गाह
14. कलत
15. पुल-ए-आलम
16. तेरेनकोट
17. फेरुज कोह
18. काला-ए-नाव
कब्जाए शहरों से हजार से ज्यादा कैदी छुड़ाए
तालिबान के कब्जाए छह अफगानिस्तानी शहरों से उसने 1,000 से ज्यादा कैदी छुड़ा लिए हैं। जेल प्रशासन के निदेशक सफीउल्लाह जलालजई ने कहा कि इनमें से ज्यादातर को नशीली दवाओं की तस्करी, अपहरण और सशस्त्र डकैती के लिए सजा सुनाई गई थी। तालिबान ने जिन छह शहरों की जेलों में नशीली दवाओं की तस्करी, सशस्त्र डकैती और अपहरण के दोषियों को तालिबान ने छुड़ाया है, उनमें कई तालिबान आतंकी भी थे। कुंदुज में रिहा कराए गए 630 कैदियों में 180 तालिबान आतंकी थे। इनमें से 15 को अफगान सरकार ने मौत की सजा सुनाई थी। निमरोज प्रांत के जरांज शहर से छुड़ाए गए 350 कैदियों में से 40 तालिबान आतंकी थे। हालांकि अफगान सरकार ने कहा है कि आतंकियों को पकड़ने के बाद जेल से छुड़ाए गए सभी कैदी दोबारा पकड़े जाएंगे।
हताहतों की जानकारी नहीं
हेलमंद प्रांत की राजधानी लश्करगाह के पुलिस मुख्यालय पर कब्जे के बाद यहां मौजूद अफगान बलों ने तालिबान के आगे समर्पण कर दिया और पास स्थित अन्य गवर्नर के दफ्तर में चले गए। यहां अब भी सरकारी बलों का नियंत्रण है। सांसद नसीमा नियाजी ने बताया कि अभी यह जानकारी नहीं मिली है कि इस हमले में कितने लोग हताहत हुए हैं। उन्हें इस हमले में कई लोगों के हताहत होने की आशंका है।
तालिबान ने सत्ता साझा करने का प्रस्ताव ठुकराया
इस बीच अफगानिस्तान की सरकार ने तालिबान को सत्ता में भागीदारी का प्रस्ताव दिया था। इसके बदले में अफगानिस्तान सरकार ने तालिबान से शहरों पर हमले बंद करने के लिए कहा था, लेकिन तालिबान ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है, जिससे अमेरिकी गठबंधन की सेनाओं की वापसी के बाद जबरदस्त गृहयुद्ध की चपेट में आ गए अफगानिस्तान में शांति की उम्मीद फिलहाल खत्म हो गई है।
इमरान का दर्द : अमेरिका की पसंद है भारत
पाक पीएम इमरान खान ने अपने घर पर विदेशी पत्रकारों से बात करते हुए अपना दर्द बयां किया। उन्होंने अमेरिका पर कटाक्ष करते हुए कहा, वाशिंगटन पाकिस्तान को 20 साल तक अफगानिस्तान में छेड़े गए युद्ध में इस्तेमाल करने के रूप में देखता है और जब रणनीतिक साझेदारी की बात आती है तो वह भारत को पसंद करता है। उन्होंने कहा, अमेरिका ने पाक को सिर्फ अफगानिस्तान में फैली गंदगी को साफ करने के लिए फायदेमंद समझता है। खान ने कहा, मैं समझता हूं कि अमेरिकियों ने फैसला कर लिया है कि उनका रणनीतिक साथी अब भारत है और इसी वजह से वे पाक के साथ अलग बर्ताव कर रहे हैं।
गनी के राष्ट्रपति रहते समझौता नहीं करेगा तालिबान
अफगानिस्तान में जारी संघर्ष के बीच पाक पीएम इमरान खान ने कहा है कि जब तक अशरफ गनी देश के राष्ट्रपति रहेंगे तब तक आतंकी गुट अफगानिस्तान सरकार से बात नहीं करेगा। उन्होंने अपने मन की बात रखते हुए कहा कि मौजूदा हालात में राजनीतिक समझौता मुश्किल दिख रहा है। उन्होंने कहा, मैंने तालिबान को मनाने की कोशिश की थी लेकिन उन्होंने कहा कि गनी के होते हम बात नहीं कर सकते।


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